नयी दिल्ली, 12 मई लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (एलईएएफ) ने बुधवार को कहा कि वह छोटे जोत वाले सीमांत एवं जनजातीय किसानों को कोविड-19 से निपटने में मदद करने के लिए 500 करोड़ रुपये के ऋण की व्यवस्था करेगी।
एकीकृत कृषि सेवा प्रदाता, एलईएएफ ने कहा कि यह सीमांत किसानों के लिए आवश्यक संगठित ऋण दिलाने के लिए नए युग की वित्तीय प्रौद्योगिकी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ गठजोड़ कर रही है।
दक्षिण भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों के दूरस्थ स्थानों में सीमांत किसानों को संगठित ऋण सहायता उपलब्ध नहीं है।
एलईएएफ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पलत विजयराघवन ने एक बयान में कहा, हाशिए पर खड़े किसान श्रमिकों की कमी के बीच खड़ी फसलों की कटाई करने के मामले में जूझ रहे हैं। इसके साथ थोक बाजारों की प्रतिबंधित कार्यप्रणाली की वजह से किसानों को अधिक आशंका हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, '' हम सभी बड़े-बड़े थोक मंडियों में किसानों की ओर से सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ खेतिहर मजदूरों को जुटाकर काटी गई फसलों को इकट्ठा कर उन्हें खपा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी संगठित ऋण के माध्यम से, पश्चिमी और पूर्वी घाट के दूरदराज के क्षेत्रों में खेत तक पहुंच रही है।
इसके अलावा, एलईएएफ उन स्थानों पर 25 किसान सेवा केंद्र स्थापित कर रहा है जिनमें आदिवासी और सीमांत किसानों की बड़ी संख्या है। पेशेवर कृषिविदों की टीम एलईएएफ द्वारा प्रबंधित ये केंद्र किसानों के साथ पूरे फसल जीवन-चक्र में काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके प्रयासों को बेहतर परिणाम हासिल हो।
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