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कोवि़ड-19: अमेरिका में भारत, दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक ट्रिप्स छूट पाने के लिए प्रयासरत

By भाषा | Updated: May 4, 2021 12:20 IST

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(ललित के झा)

वाशिंगटन, चार मई भारत और दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक डब्ल्यूटीओ में कोविड-19 आपातकाल के दौरान बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) में अस्थायी छूट दिए जाने के अपने प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अमेरिकी सांसदों और नीति निर्माताओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत सहित दुनिया के कई देशों में हालात की गंभीरता के कारण दोनों देशों के राजनयिक वाशिंगटन डीसी में यूएस कैपिटल और सत्ता के गलियारों के हर दिन चक्कर लगा रहे हैं। ये मुलाकातें ज्यादातर आभारी होती हैं, जिसमें यह समझाने की कोशिश की जाती है कि यह फैसला जीवन को बचाने के लिए कितना जरूरी है।

दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों के अलावा, भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और दक्षिण अफ्रीका की राजदूत नोमाइन्डेया कैथलीन मैफेकेटो, मिलकर कैपिटल हिल में सांसदों और बाइडन प्रशासन में नीति निर्माताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

इस क्रम में संधू ने सोमवार को अमेरिका में केन्या के राजदूत लाजरस ओ अमायो के साथ आभासी बैठक की।

इस मुद्दे पर बाइडन प्रशासन को अभी निर्णय करना बाकी है।

इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड महामारी के संदर्भ में ट्रिप्स पर गौर करने की जरूरत पर भी जोर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘देशों को टीका आधारित प्रौद्योगिकी साझा करने के लिये तैयार होना होगा। महामारी के संदर्भ में ट्रिप्स समझौते पर गौर करना होगा। टीकों को लेकर कोई राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। देशों को इस मामले में लचीला रुख अपनाना चाहिये।’’

ट्रिप्स समझौता विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों के बीच एक कानूनी समझौता है। यह सदस्य देशों द्वारा बौद्धिक संपदा के विभिन्न रूपों के विनियमन के लिये मानक स्थापित करता है जो डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों पर लागू होता है। समझौता जनवरी 1995 में प्रभाव में आया।

अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने कोरोना वायरस वैक्सीन के विनिर्माण पर व्यापार में बौद्धिक संपदा के अधिकार के संरक्षण (ट्रिप्स) संबंधी विश्व व्यापार संगठन के कुछ प्रावधानों में छूट दिए जाने पर वैक्सीन और टीकाकरण पर वैश्विक गठबंधन गावी के मुख्य अधिशासी अधिकारी सेथ बर्कले से चर्चा की है।

इस पर विश्व व्यापार संगठन की अगले माह होने वाली बैठक में चर्चा हो सकती है।

भारत का कहना है कि इस छूट का मकसद औषधि कंपनियों को दिये गये संरक्षण को समाप्त करना नहीं है बल्कि इसके तहत केवल कोविड-19 टीके, संबद्ध दवाओं और उपचार पर जोर होगा।

भारत, दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव का मकसद निम्न और मध्यम आय वाले देशों को आसानी से और उचित कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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