लाइव न्यूज़ :

कोविड-19 प्रभाव: पिछले डेढ़ साल में बैंकों का शिक्षा ऋण बकाया 3 प्रतिशत घटा

By भाषा | Updated: December 26, 2021 14:20 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर कोविड-19 महामारी से प्रभावित पिछले डेढ़ वर्ष में बैंकों के शिक्षा ऋण बकाये में 3.17 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़े के अनुसार मार्च 2020 में शिक्षा ऋण 65,684 करोड़ रुपये था, जो अक्टूबर 2021 में घटकर 63,601 करोड़ रुपये पर आ गया।

एक तरफ जहां शिक्षा ऋण बकाया घटा वहीं दूसरी तरफ इस मद में कर्ज लौटाने में चूक की दर भी बढ़ी है।

आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर 2019 में बैंकों का शिक्षा ऋण बकाया 67,323 करोड़ रुपये था जो मार्च 2020 में घटकर 65,684 करोड़ रुपये तथा अक्टूबर 2021 में और कम होकर 63,601 करोड़ रूपया पर आ गया।

इस प्रकार से, पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान बैंकों का शिक्षा ऋण के बकाये में 3.17 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह अवधि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित रही है।

इस बारे में शिक्षाविद प्रोफेसर वी श्रीनिवास ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘कोविड महामारी के दौरान छात्रों के नये शिक्षा कर्ज लेने में कमी आयी है। इसका कारण महामारी की वजह से विभिन्न प्रकार की पाबंदियों के कारण विदेशी और घरेलू स्तर पर उच्च और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दाखिले में कमी है...।’’

शिक्षा कर्ज बकाया में कमी के साथ शिक्षा ऋण लौटाने में चूक की दर में लगातार वृद्धि भी हो रही है।

संसद के बजट सत्र में एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, शिक्षा ऋण के संबंध में सरकारी बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) यानी फंसा कर्ज मार्च 2015 में 5.30 प्रतिशत थी जो मार्च 2020 में बढ़कर 7.70 प्रतिशत हो गई, हालांकि यह दिसंबर 2020 में घटकर 5.80 प्रतिशत पर आ गई।

विशेषज्ञों के अनुसार, महंगी शिक्षा के चलते मेडिकल, इंजीनियरिंग, फार्मेसी और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के बीच शिक्षा ऋण की मांग सबसे अधिक है। बैंक से ऋण लेने वाले अधिकतर छात्र मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार दक्षिण भारत के राज्यों में लिए गए शिक्षा ऋण लौटाने में चूक की दर सबसे अधिक है। दक्षिणी क्षेत्र में 2,64,669 खाते फंसे कर्ज की श्रेणी में आ गये हैं।

दक्षिण राज्यों में तमिलनाडु में शिक्षा ऋण में से 3,490 करोड़ रुपये एनपीए हुए है। राज्य पर बकाया शिक्षा ऋणों में तमिलनाडु में 20.30 प्रतिशत और बिहार में 25.76 प्रतिशत एनपीए हो गए हैं। हालांकि, बिहार में निरपेक्ष रूप से शिक्षा ऋण तमिलनाडु से बहुत कम था।

दक्षिणी क्षेत्र में 2,64,669 खाते एनपीए हो गए हैं। इसके बाद स्थान पूर्वी क्षेत्र का रहा जहां 41,504 खाते और पश्चिमी क्षेत्र में 24,581 खाते फंसे कर्ज की श्रेणी में आये हैं।

गौरतलब है कि एनपीए बैंक का वह फंसा कर्ज है जिसपर 90 दिन यानी तीन महीने या उससे अधिक समय से किस्तें नहीं आ रही हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015 से अब तक 13,53,786 ग्राहकों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से शिक्षा ऋण प्राप्त किये हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतDelhi: जैतपुर एक्सटेंशन में घर में लगी भीषण आग, LPG सिलेंडर से फैली आग

भारतMaharashtra Local Body Election Results 2025: भाजपा 86, शिवसेना 47, एनसीपी 32 और कांग्रेस 22 सीट पर आगे, जानें मनसे और उद्धव ठाकरे का हाल

भारतMaharashtra Local Body Election Results 2025: बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति को बढ़त, जानें शिवसेना और कांग्रेस का हाल

क्राइम अलर्टHaryana: भाई निकला कसाई..., बहन के कत्ल के लिए दोस्त को उकसाया, आरोपी ने रेप के बाद घोंटा गला

भारतMaharashtra Local Body Election Result: आज आएंगे महाराष्ट्र नगर निगम के नतीजें, महायुति और एमवीए के लिए अग्निपरीक्षा

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: आज के ईंधन के दाम: दिल्ली, मुंबई से लेकर पटना तक; जानें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट

कारोबारPost Office Scheme: 1000 हजार रुपये से शुरू करें पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 5 साल बाद मिलेगा 4 लाख का निवेश; जानें कैसे मिलेगा फायदा

कारोबारअब UPI और ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, जानें तरीका और इसके फायदे

कारोबारखरीफ के लिए 425 करोड़ रुपए, किसानों से दलहन-तिलहन उपार्जन की केन्द्र ने दी स्वीकृति

कारोबारGold Rate Today: आज का सोने का रेट, जानें 20 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत