भारत में रह कर आप अमूमन रुपए, डॉलर या पाउंड जैसी करेंसियों से ही मुखातिब होते हैं, लेकिन हाल ही के दिनों में एक नई मुद्रा परवान चढ़ी है जिसका नाम है बिटकॉइन।
अगर आप बिटकॉइन को परिभाषित करते हैं तो कहा जाएगा कि बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है जिसे वर्चुअल करेंसी कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी कीमत में असीमित उछाल ने बाजार के पंडितों में हलचल मचा दी है।
अगर पिछले 3 सालों की बात करें तो ओपन पेमेंट नेटवर्क के नाम से भी मशहूर बिट कॉइन की कीमत में साढ़े चार लाख गुना उछाल दर्ज की गई है। एक ओर जहां दुनिया में वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है वहीं भारत सरकार बिटकॉइन को लेकर अभी तक कोई राय नहीं बना पाई है। अब तक इस वर्चुअल करेंसी से जुड़े जो आंकड़े सामने आए हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं।
आंकड़ों के अनुसार, साल 2009 में बिटकॉइन की कीमत 36 पैसे थी, जो 2013 आते-आते 12000 रुपए का हो गया। पिछले दो सालों में इसका भाव बढ़ता गया है। अभी मई में इसकी कीमत एक लाख 62 हजार हो गई।
भारत सरकार की कोई राय न बन पाने की एक वजह यह भी है कि आजकल इसका इस्तेमाल कालाधन, हवाला और आतंकी गतिविधियों में भी किया जा रहा है। दुनियाभर में बढ़ रहे इसके इस्तेमाल से सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है इसलिए यह एक प्रमुख वजह भी है, जिसकी वजह से भारतीय रिजर्व बैंक और किसी भी रेग्युलेटर ने इसे कानूनी मान्यता नहीं दी है।
बता दें कि साल 2014 से विश्व बाजार के अस्तित्व में आई बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी दुनिया की सबसे महंगी करंसी बन गई है। वहीं, भारत की बात करें तो यहां भी बिटकॉइन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या काफी है, जिसमें लगातार इजाफा होता जा रहा है।