जागृति: शिक्षा के माध्यम से समाज में व्यापक बदलाव की पहल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2024 19:31 IST2024-12-23T19:31:13+5:302024-12-23T19:31:38+5:30
जयपुर स्थित जागृति ने शिक्षा के माध्यम से समाज के सबसे वंचित तबके में बदलाव लाने की एक अनूठी पहल की है। श्री जयकृष्ण जाजू के नेतृत्व में यह संस्था न केवल बच्चों के भविष्य को संवारने का काम कर रही है, बल्कि पूरे समुदाय को सशक्त करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। वर्ष 2001 में एक त्रासदी से प्रेरित होकर शुरू की गई यह यात्रा आज हजारों बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है।

जागृति: शिक्षा के माध्यम से समाज में व्यापक बदलाव की पहल
जयपुर स्थित जागृति ने शिक्षा के माध्यम से समाज के सबसे वंचित तबके में बदलाव लाने की एक अनूठी पहल की है। श्री जयकृष्ण जाजू के नेतृत्व में यह संस्था न केवल बच्चों के भविष्य को संवारने का काम कर रही है, बल्कि पूरे समुदाय को सशक्त करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। वर्ष 2001 में एक त्रासदी से प्रेरित होकर शुरू की गई यह यात्रा आज हजारों बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। जागृति फाउंडेशन का उद्देश्य शिक्षा को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और समावेशी बनाना है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को नैतिक मूल्यों और जीवन कौशल से भी परिचित कराया जा रहा है ताकि वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकें बल्कि समाज का एक जिम्मेदार नागरिक भी बनें।
शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए जागृति ने कई सरकारी स्कूलों को गोद लिया है। Jagriti द्वारा 21 गवर्मेंट और प्राइवेट स्कूलो को गोद लिया गया जहां 6000 से ज्यादा बच्चों को अच्छी वैल्यू एजूकेशन मिला। टीम जागृति नियमित रूप से स्कूलों में जाकर अध्यापकों और छात्रों की प्रगति की समीक्षा करती है। सरकारी शिक्षकों के साथ-साथ अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार लाया गया है। संस्थान छात्रों की शिक्षा का मूल्यांकन भी करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से समझ रहे हैं। इसके अलावा, संस्था स्कूलों में स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी मदद कर रही है। जागृति ने बच्चों की सहनशीलता और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए जीवन कौशल शिविरों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी शुरू किया है, जहाँ बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है।
जागृति केवल शिक्षा के क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि समुदाय के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। संस्था द्वारा स्किल डेवलपमेंट सेंटर चलाए जाते हैं, जहाँ बच्चों की माताओं को विभिन्न प्रकार के हुनर सिखाए जाते हैं ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही, जागृति नियमित रूप से स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर समुदाय की जीवनशैली को सुधारने का काम कर रही है। यह संस्था मानती है कि शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से ही एक संपूर्ण और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है। जागृति का यह प्रयास बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सक्षम बनाने के साथ-साथ पूरे परिवार को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जागृति के प्रयासों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। श्री जयकृष्ण जाजू की प्रतिबद्धता और समर्पण को सम्मानित करते हुए उन्हें, नेशनल यूथ अवॉर्ड 2018, सरकारी स्कूलों के ग्रोथ के लिए 1 करोड़ रुपए कंट्रीब्यूट करने के लिए उन्हें लगातार 9 सालों से भामाशाह अवॉर्ड मिलता आ रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2018, शिक्षा विभूषण पुरस्कार 2018-2022, स्वच्छता राज्य पुरस्कार 2016 और प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड 2022 जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिले हैं।
जागृति ने वर्ष 2010 में जागृति अंतिम दर्शनिका (मोबाइल मोर्चरी), 24X7 मुफ्त सेवाएं शुरू कीं, जो मृतक के परिवार को उनके आवास पर प्रदान की जाती हैं। अपघटन (decomposition) को रोकने के लिए शरीर को हफ्तों तक रखा जा सकता है। वर्तमान में ऐसी 15 जागृति अंतिम दर्शनिका और 4 वैन जयपुर और अजमेर में संचालित हैं। जागृति अंतिम दर्शनिका ने नेत्रदान की दर को बढ़ा दिया है, इसके फलस्वरूप कॉर्निया संरक्षित रहता है और इसे 24 घंटे के अंदर अंदर निकला जा सकता है। इसके लिए लंदन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जागृति फाउंडेशन का नाम दर्ज किया गया है।
जागृति का यह सफर साबित करता है कि सही दिशा, नेतृत्व और प्रयासों से समाज में व्यापक और स्थायी बदलाव संभव है। श्री जयकृष्ण जाजू का यह सपना कि हर बच्चा शिक्षित हो और हर परिवार सशक्त बने, आज जागृति की बदौलत एक सच्चाई बन रहा है। "शिक्षा से बदलाव की इस मुहिम में जागृति की यह पहल समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
