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Insurance Policy: एक जनवरी से ग्राहक को सबकुछ बताएं, बीमा कंपनियों को इरडा की नसीहत, जानें क्या है कारण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 30, 2023 17:45 IST

Insurance Policy: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमाधारकों को खरीदी गई पॉलिसी की बुनियादी बातों को आसानी से समझाने के लिए मौजूदा ग्राहक सूचना पत्र को संशोधित किया है।

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ठळक मुद्देसंशोधित ग्राहक सूचना पत्र (सीआईएस) एक जनवरी, 2024 से लागू हो जाएगा।खरीदी गई पॉलिसी के नियम एवं शर्तों को समझना महत्वपूर्ण है। बुनियादी बिंदुओं को सरल शब्दों में समझाता हो और जरूरी जानकारी से भरपूर हो।

Insurance Policy: बीमा कंपनियों को किसी पॉलिसी के बुनियादी पहलुओं जैसे बीमित राशि और पॉलिसी में कवर किए गए खर्चों के साथ दावे के बारे में पहली जनवरी से एक निर्धारित प्रारूप (फार्मेट) में पॉलिसीधारक को जानकारी मुहैया करानी होगी।

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमाधारकों को खरीदी गई पॉलिसी की बुनियादी बातों को आसानी से समझाने के लिए मौजूदा ग्राहक सूचना पत्र को संशोधित किया है। बीमा नियामक ने इस संबंध में सभी बीमा कंपनियों को भेजे गए एक परिपत्र में कहा कि संशोधित ग्राहक सूचना पत्र (सीआईएस) एक जनवरी, 2024 से लागू हो जाएगा।

प्राधिकरण ने कहा कि पॉलिसीधारक के लिए खरीदी गई पॉलिसी के नियम एवं शर्तों को समझना महत्वपूर्ण है। इस परिपत्र के मुताबिक, ‘‘एक पॉलिसी दस्तावेज कानूनी उलझनों से भरपूर हो सकता है, लिहाजा यह ऐसा दस्तावेज होना चाहिए जो पॉलिसी के संबंध में बुनियादी बिंदुओं को सरल शब्दों में समझाता हो और जरूरी जानकारी से भरपूर हो।’’

परिपत्र के मुताबिक, बीमा कंपनी और पॉलिसीधारक के बीच पॉलिसी से जुड़े बिंदुओं पर असमानता होने के कारण अब भी कई शिकायतें आ रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए संशोधित सीआईएस जारी किया गया है। इसमें बीमाकर्ताओं को बीमा उत्पाद/ पॉलिसी का नाम, पॉलिसी संख्या, बीमा उत्पाद/पॉलिसी का प्रकार और बीमित राशि के बारे में बताना होगा।

इसके अलावा पॉलिसीधारकों को पॉलिसी में शामिल किए गए खर्चों, उसके दायरे से बाहर की चीजों, प्रतीक्षा अवधि, कवरेज की वित्तीय सीमा, दावा प्रक्रिया और शिकायत निपटान व्यवस्था के बारे में भी सूचित किया जाएगा। परिपत्र के मुताबिक, बीमा कंपनी, मध्यस्थ और एजेंट को संशोधित सीआईसी का ब्योरा सभी पॉलिसीधारकों को भेजना होगा। यदि पॉलिसीधारक चाहे तो सीआईसी को स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

टॅग्स :भारत सरकारFinance Department
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