उद्योग जगत ने जीएसटी विवरण पर विलम्ब शुल्क पूरी तरह माफ करने की मांग की

By भाषा | Updated: May 29, 2021 19:43 IST2021-05-29T19:43:40+5:302021-05-29T19:43:40+5:30

Industry demands complete waiver of late fee on GST details | उद्योग जगत ने जीएसटी विवरण पर विलम्ब शुल्क पूरी तरह माफ करने की मांग की

उद्योग जगत ने जीएसटी विवरण पर विलम्ब शुल्क पूरी तरह माफ करने की मांग की

नयी दिल्ली 29 मई उद्योग जगत ने शनिवार को कहा कि जीएसटी विवरण पर विलम्ब शुल्क में राहत के फैसले से छोटे करदाताओं को कुछ राहत मिलेगी लेकिन कहा कि इस मामले में विलम्ब शुल्क और दंड ब्याज पूरी तरह हटाया जाना चाहिए।

कोरोना महामारी में काम आने वाली चिकित्सा सामग्री को जीएसटी से मुक्त करने की मांग पर कोई निर्णय नहीं किए जाने पर निराशा भी जताई है।

पीएचडी चैम्बर के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण छोटे और मध्यम उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जीएसटी रिटर्न पर विलम्ब शुल्क में माफी योजना के जरिये कमी से करदाताओं को रिटर्न फाइल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

उद्योग संघ फिक्की ने कहा, ‘‘रिटर्न फाइलिंग में देरी पर शुल्क में कमी से छोटे करदाताओं को कुछ राहत मिलेगी। हालांकि हम रिटर्न पर देरी पर लगाए जाने वाले शुल्क और ब्याज को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश करते हैं।’’

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बैठक में मासिक रिटर्न भरने में देरी पर करदाताओं को राहत देने का निर्णय किया गया।

परिषद की बैठक में कोविड-19 उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। चिकित्सा सामग्री और टीके पर कर ढांचे को लेकर मंत्रियों का समूह विचार विमर्श करेगा और आठ जून तक रिपोर्ट पेश करेगा।

फिक्की अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि कोविड से संबंधित जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बदलाव के निर्णय से जरूरत के इस समय में आत्मनिर्भर होने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘फिक्की स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों और सेवाओं पर शून्य जीएसटी दरों की मांग पर दो वर्ष तक कोई कर नहीं लगाने की निर्णय की उम्मीद कर रहा था। हमारा मानना है कि ऐसा करने से कोरोना की दूसरी लहर और तीसरी की आशंका से निपटने में सशक्त बनने में मदद मिलेगी।’’

मेडिकल टेक्नोलॉजी असोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष संजय भूटानी ने कहा कि उद्योग की कोविड से जुड़े स्वास्थ्य उपकरणों और जीएसटी में छूट की मांग पर विचार नहीं किया गया। मेडिकल टेक्नोलॉजी तब से कोविड-19 के खिलाफ लड़ रहा है जब कोरोना की वैक्सीन भी नहीं आई थी।

लक्ष्मीकुमारन और श्रीधरन अटॉर्नी की निदेशक श्वेता वालेचा ने कहा कि केंद्र सरकार ने मंत्रियों की समूह से चिकित्सा सामग्री और टीके पर कर ढांचे को लेकर आठ जून तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। यह निर्णय हालांकि विलंब हो सकता है क्योंकि जीएसटी परिषद की अगली बैठक की फिलहाल कोई घोषणा नहीं हुई है।

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