इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 फरवरी अंतरराष्ट्रीय मांग में इजाफे का सिलसिला बरकरार रहने के चलते जनवरी के दौरान भारत का सोया खली निर्यात लगभग छह गुना उछाल के साथ 3.36 लाख टन पर पहुंच गया। जनवरी 2020 में देश से 58,000 टन सोया खली का निर्यात गया था।
प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक आला अधिकारी ने बुधवार को ये आंकड़े जारी किए।
सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने यह भी बताया कि इस साल जनवरी में इंडोनेशिया (79,375 टन), फ्रांस (70,500 टन) और जर्मनी (48,765 टन) भारतीय सोया खली के सबसे बड़े आयातकों में शामिल रहे।
पाठक ने बताया कि भारतीय सोया खली के भाव अमेरिका, ब्राजील और अर्जेन्टीना के इस उत्पाद के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं। इससे भारत का सोया खली निर्यात बढ़ रहा है।
उन्होंने अनुमान जताया कि मौजूदा तेल विपणन वर्ष (अक्टूबर 2020-सितंबर 2021) में भारत का सोया खली निर्यात दोगुना बढ़कर 18 लाख टन पर पहुंच सकता है। पिछले तेल विपणन वर्ष में देश से 8.62 लाख टन सोया खली का निर्यात किया गया था।
प्रसंस्करण संयंत्रों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।
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