सिंगापुर, 11 अगस्त सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री हेंग स्वी कीट ने बुधवार को कहा कि वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था के विविधीकरण तथा इसे और अधिक मजबूत बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने भारत से अपनी विशाल क्षमता के उपयोग को लेकर दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अधिक-से-अधिक आर्थिक एकीकरण पर विचार करने का आग्रह किया।
समाचार पत्र द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए उन्होंने भारत-सिंगापुर व्यापार आर्थिक सहयोग समझौते के महत्व को भी रेखांकित किया।
हेंग ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र और भारत में कई ऐसी क्षमताएं हैं, जो एक दूसरे के पूरक हैं। महामारी के बाद के समय में संपर्क को बहाल करने और आपूर्ति व्यवस्था को बढ़ाने के लिए दोनों क्षेत्रों को इस पर काम करना चाहिए।
उनके हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण में योगदान देने तथा इसे और अधिक मजबूत बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है।
हेंग ने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियों में क्षमता और संसाधन है जिससे घरेलू बाजार के अलावा दूसरे बाजारों की जरूरतों को भी पूरा कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि आसियन (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन) और भारत को डिजिटल संपर्क बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लिये क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल होने के लिये दरवाजा खुला है।
आरसीईपी पिछले साल नवंबर में अमल में आया। सिंगापुर ने इसे इस साल अप्रैल में मंजूरी दी।
भारत ने 15 सदस्यीय आरसीईपी से 2019 में स्वयं को अलग कर लिया। भारत को 1.38 अरब आबादी और एशिया प्रशांत देशों के व्यापार भागीदार के रूप में महत्वपूर्ण बाजार माना जाता है।
आरसीईपी को दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार समझौता माना जाता है। इसमें दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के संघ के सभी दस सदस्य देशों के साथ आस्ट्रेलिया, चीन, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।
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