India GDP growth: भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही। अमेरिका के भारी शुल्क लगाए जाने से पहले की पांच तिमाहियों में यह सबसे अधिक है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन के कारण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर बढ़ी है। भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून में चीन की जीडीपी वृद्धि 5.2 प्रतिशत रही थी। आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले उच्चतम जीडीपी वृद्धि 2024 के जनवरी-मार्च में 8.4 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में 1.5 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मामूली रूप से बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 7.6 प्रतिशत थी।
राजकोषीय घाटा जुलाई के अंत तक पूरे साल के लक्ष्य का 29.9 प्रतिशत पर
केंद्र का राजकोषीय घाटा जुलाई के अंत तक पूरे साल के लक्ष्य का 29.9 प्रतिशत हो गया। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह कहा। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों में यह बजट अनुमान (बीई) का 17.2 प्रतिशत था। इससे पहले पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के अंत तक घाटा पूरे वर्ष के लक्ष्य का 17.9 प्रतिशत था।
वास्तविक राजकोषीय घाटा या सरकार के व्यय और राजस्व के बीच का अंतर वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 4,68,416 करोड़ रुपये था। केंद्र का अनुमान है कि 2025-26 के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 प्रतिशत यानी 15.69 लाख करोड़ रुपये होगा।