भारत, ब्रिटेन आर्थिक-वित्तीय वार्ता में निवेश बढ़ाने पर सहमत

By भाषा | Updated: September 2, 2021 22:00 IST2021-09-02T22:00:03+5:302021-09-02T22:00:03+5:30

India, UK agree to increase investment in economic-financial talks | भारत, ब्रिटेन आर्थिक-वित्तीय वार्ता में निवेश बढ़ाने पर सहमत

भारत, ब्रिटेन आर्थिक-वित्तीय वार्ता में निवेश बढ़ाने पर सहमत

ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक और भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और निवेश को गति देने के नये उपायों की घोषणा की है। यह घोषणा 11वीं भारत-ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय वार्ता के दौरान की गयी। सीतारमण और सुनक की सालाना बैठक ‘ऑनलाइन’ हुई। बैठक के दौरान सार्वजनिक और निजी निवेश के 1.2 अरब डॉलर के पैकेज पर हस्ताक्षर किये गये। इसका उद्देश्य भारत की हरित वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के लिये हरित और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देना है। इसमें हरित परियोजनाओं में ब्रिटेन के विकास वित्त संस्थान सीडीसी तथा अनूठे हरित तकनीकी समाधानों पर काम करने वाली कंपनियों का समर्थन करने के लिए दोनों सरकारों का संयुक्त निवेश शामिल है। इसके अलावा संयुक्त ‘ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड’ में 20 करोड़ डॉलर का निजी और बहुपक्षीय निवेश किया जाएगा। यह कोष भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करता है। बैठक में ‘क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव (सीएफएलआई) इंडिया’ भागीदारी के तहत भारत में पवन और सौर ऊर्जा तथा अन्य हरित प्रौद्योगिकी समेत सतत ढांचागत परियोजनाओं के लिये निजी पूंजी जुटाने पर सहमति जतायी गयी। सुनक ने कहा, ‘‘ब्रिटेन और भारत के बीच पहले से ही मजबूत संबंध हैं और आज हमने अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिये महत्वपूर्ण नए समझौते किए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत की हरित वृद्धि को समर्थन देना एक साझी प्राथमिकता है। इसीलिए 1.2 अरब डॉलर के निवेश पैकेज की घोषणा और ‘सीएफएलआई इंडिया’ भागीदारी शुरू किये जाने से मुझे खुशी है। इसका उद्देश्य भारत में सतत परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देना है...।’’ आर्थिक और वित्तीय वार्ता (ईएफडी) में दोनों मंत्रियों ने ब्रिटेन-भारत व्यापार वार्ता के दौरान सेवाओं पर विचार करने तथा वित्तीय बाजार को मजबूत बनाने पर सहमति जतायी। ब्रिटेन ने भारत के हाल में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के फैसले का स्वागत किया। इससे ब्रिटेन की कंपनियां भारत में बीमा क्षेत्र में अपने कामकाज में बड़ी हिस्सेदारी ले सकेंगी। वार्ता संपन्न होने पर संयुक्त बयान में वित्तीय सेवाओं समेत विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है। साथ ही इसमें ब्रिटेन की वित्तीय कंपनियों के लिये नये अवसर खोलने तथा भारतीय कंपनियों को लंदन में वित्तीय पहुंच को लेकर और मदद की बात शामिल है।

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Web Title: India, UK agree to increase investment in economic-financial talks

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