आईएमडी के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में भारत ने 43वां स्थान बरकरार रखा
By भाषा | Updated: June 17, 2021 22:19 IST2021-06-17T22:19:54+5:302021-06-17T22:19:54+5:30

आईएमडी के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में भारत ने 43वां स्थान बरकरार रखा
नयी दिल्ली, 17 जून भारत ने इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (आईएमडी) के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 43वें स्थान को बरकरार रखा है। इस बार के सूचकांक में कोविड-19 महामारी का दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़े प्रभाव का आकलन किया गया है।
कुल 64 देशों की सूची में स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर, स्वीडन दूसरे स्थान पर (पिछले साल छठे से), डेनमार्क एक स्थान खोकर तीसरे स्थान पर जबकि नीदरलैंड चौथे स्थान पर बरकरार रहा है। वहीं सूची में सिंगापुर पांचवें स्थान पर खिसक गया है जबकि 2020 में पहले स्थान पर था।
ताइवान सूची में आठवे स्थान पर पहुंच गया और 33 साल से तैयार किये जा रहे सूचकांक में पहली बार शीर्ष 10 में स्थान बनाने में कामयाब रहा है। पिछले साल वह 11वें स्थान पर था। संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका पिछले साल की तरह नौवें और 10वें स्थान पर बरकरार हैं।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सिंगापुर (पाचवें), हांगकांग (सातवें), ताइवान (आठवें) और चीन (16वें) पर हैं।
आईएमडी विश्व प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग में 64 अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया जाता है। इसमें यह आकलन किया जाता है कि कोई देश अपने लोगों की सुख समृद्धि को बढ़ाने में कहां तक आगे बढ़ा है। इसके लिये तथ्यात्मक और गैर-विवादित आंकड़ों और कार्यकारियों की सर्वेक्षण प्रतिक्रियाओं के माध्यम से आर्थिक कल्याण का आकलन किया जाता है। इस साल की रैंकिंग में दुनिया भर में महामारी के आर्थिक प्रभाव पर भी गौर किया गया।
ब्रिक्स देशों में भारत, चीन (16वें) से पीछे और रूस (45वें), ब्राजील (57वें) और दक्षिण अफ्रीका (62वें) से आगे रहा है।
आईएमडी ने कहा कि भारत पिछले तीन साल से अपनी वही स्थिति बनाये हुए है लेकिन इस साल उसने सरकारी दक्षता में उल्लेखनीय सुधार किया है।
संस्थान के अनुसार, ‘‘सरकारी दक्षता मामले में भारत के सुधार का मुख्य कारण अपेक्षाकृत स्थिर सार्वजनिक वित्त (महामारी की कठिनाइयों के बावजूद, 2020 में सरकारी घाटा 7 प्रतिशत पर रहा) और सरकार की तरफ से निजी कंपनियों को समर्थन तथा सब्सिडी को लेकर भारतीय कंपनियों के कार्यकारियों की तरफ से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया है।’’
हालांकि, इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का अल्पकालीन प्रदर्शन महामारी से निपटने की भारत की क्षमता पर निर्भर करेगा।
रिपोर्ट में पाया गया है कि नवोन्मेष, डिजिटलीकरण, कल्याणकारी लाभ और नेतृत्व में निवेश जैसे गुणों के परिणामस्वरूप सामाजिक एकजुटता ने देशों को संकट से बेहतर तरीके से निपटने में मदद की है और इस प्रकार प्रतिस्पर्धा में उच्च स्थान हासिल किया।
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