भारत ने केयर्न से जुड़े मध्यस्थता अदालत के फैसले को हेग अदालत में चुनौती दी
By भाषा | Updated: March 23, 2021 20:51 IST2021-03-23T20:51:19+5:302021-03-23T20:51:19+5:30

भारत ने केयर्न से जुड़े मध्यस्थता अदालत के फैसले को हेग अदालत में चुनौती दी
नयी दिल्ली, 23 मार्च भारत सरकार ने, समझा जाता है कि, केयर्न एनर्जी से 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग के फैसले को पलटने वाले मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता अदालत में चुनौती दी है।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि यह अपील सोमवार को की गयी।
तीन महीने में यह दूसरा मौका है जब सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी है।
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता से इस बारे में ई-मेल के जरिये पूछा गया, लेकिन उनकी तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है।
तीन सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता अदालत में चुनौती दी गयी है। न्यायाधिकरण ने केयर्न एनर्जी से भारत की 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग को खारिज कर दिया था और सरकार को बेचे गये शेयर का मूल्य, जब्त लाभांश और रोके गये कर ‘रिफंड’ वापस करने का आदेश दिया। यह कदम ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा से कुछ सप्ताह पहले उठाया गया है।
एक अन्य सूत्र के अनुसार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को 26 अप्रैल को भारत आना है। अपनी यात्रा के दौरान वह भारत से अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश का सम्मान करने के मामले में चर्चा कर सकते हैं।
इससे पहले, सरकार ने दिसंबर में सिंगापुर अदालत में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें वोडाफोन समूह पीएलसी से 22,100 करोड़ रुपये की कर मांग को खारिज कर दिया गया था।
पहले सूत्र के अनुसार चूंकि वोडाफोन मध्यस्थता मामले में मुख्यालय सिंगापुर था, अत: अपील उसी देश में की गयी। केयर्न मध्यस्थता अदालत के मामले में मुख्य कार्यालय हेग है, इसलिये नीदरलैंड स्थित अदालत में आदेश को चुनौती दी गयी है।
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