इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस पर ED ने की कार्रवाई, छापे के बाद कंपनी ने दी सफाई, जानें क्या कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 22, 2022 20:34 IST2022-02-22T20:28:52+5:302022-02-22T20:34:52+5:30

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के खिलाफ एक व्यक्ति की तरफ से कथित रूप से ‘दुर्भावनापूर्ण’ मकसद से दर्ज की गई पुरानी प्राथमिकी से संबंधित है।

India Bulls Housing Finance ED action raid company clarification information regarding certain clients Wada, Palghar, Maharashtra | इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस पर ED ने की कार्रवाई, छापे के बाद कंपनी ने दी सफाई, जानें क्या कहा...

बंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ पर 27 अप्रैल, 2021 ने मामले की सभी जांच पर रोक लगाते हुए एक विस्तृत आदेश पारित किया।

Highlightsइंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस भी इस मामले में शामिल है। पिछले साल गांव पालघर में दुर्भावनापूर्ण प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

नई दिल्लीः इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि. ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उससे कुछ ग्राहकों के बारे में कुछ जानकारी मांगी है। यह मामला कंपनी के खिलाफ एक व्यक्ति की तरफ से कथित रूप से ‘दुर्भावनापूर्ण’ मकसद से दर्ज की गई पुरानी प्राथमिकी से संबंधित है।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘ईडी ने कुछ ग्राहकों के बारे में जानकारी मांगी है। यह मामला अप्रैल, 2021 में महाराष्ट्र के पालघर के गांव वाडा में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी द्वारा दायर ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) संख्या 07/एचयूआई/2021 से संबंधित है।’’

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि उसके अधिकारियों ने सरकारी जांच एजेंसी को आंकड़े उपलब्ध करा दिये हैं। ईडी द्वारा दर्ज ईसीआईआर आशुतोष कांबले द्वारा दर्ज प्राथमिकी के बाद आया है। लंबे समय से चल रही जबरन वसूली का हिस्सा है और कंपनी के खिलाफ ब्लैकमेल रैकेट एफआईआर पहले के कई झूठे और दुर्भावनापूर्ण है।

ब्लैकमेलर्स पिछले 3 वर्षों से प्रसारित कर रहे हैं। इसी तरह के आरोप याचिका के नाम से अभय यादव को 2019 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त कर दिया था। कंपनी ने फौरन माननीय बंबई उच्च न्यायालय से संपर्क कर झूठे आरोपों को रद्द करने की मांग की थी। कंपनी के खिलाफ पिछले साल गांव पालघर में दुर्भावनापूर्ण प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

माननीय बंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ पर 27 अप्रैल, 2021 ने मामले की सभी जांच पर रोक लगाते हुए एक विस्तृत आदेश पारित किया। ईडी की इस जांच का इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लिमिटेड से कोई संबंध नहीं है और इसका उनके बिजनेस और ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ा है। कंपनी के स्पष्टीकरण के बाद स्टॉक में तेजी देखने को मिली है। समीर गहलोत ने 31 दिसंबर, 2021 को कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है।

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