आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर भारत-ऑस्ट्रेलिया ने किए हस्ताक्षर, पीएम मोदी संग मॉरिसन भी रहे मौजूद
By मनाली रस्तोगी | Published: April 2, 2022 11:50 AM2022-04-02T11:50:49+5:302022-04-02T12:02:56+5:30
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। वहीं, इस समझौते को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह वास्तव में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया टेक्सटाइल, चमड़ा, आभूषण और खेल उत्पादों समेत 95 फीसदी से अधिक भारतीय वस्तुओं के लिए अपने बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डेन तेहान ने एक ऑनलाइन समारोह में भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर दस्तखत किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन भी मौजूद थे। इस समझौते को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह वास्तव में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। वहीं, मॉरिसन ने कहा कि यह समझौता भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के करीबी संबंधों को और गहरा करेगा।
गोयल ने कहा कि समझौते से अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 27 अरब डॉलर से बढ़ाकर 45-50 अरब डॉलर करने में मदद मिलेगी। ऑस्ट्रेलिया पहले दिन से लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को जीरो ड्यूटी एक्सेस की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद शामिल हैं जिन पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में 4-5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। श्रम प्रधान क्षेत्रों में कपड़ा और परिधान, कुछ कृषि और मछली उत्पाद, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खेल के सामान, आभूषण, मशीनरी, बिजली के सामान और रेलवे वैगन शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जबकि नई दिल्ली कैनबरा का 9वां सबसे बड़ा भागीदार है। 2021 में माल और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 27.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत का माल निर्यात 6.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और आयात 2021 में 15.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को किए जाने वाले प्रमुख निर्यात में पेट्रोलियम उत्पाद, कपड़ा और परिधान, इंजीनियरिंग सामान, चमड़ा, रसायन और रत्न और आभूषण शामिल हैं।