नई दिल्लीः भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित वैश्विक बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए जाने वाले ऋण और अनुदान की समीक्षा करने के लिए कहेगा। सरकारी सूत्र ने कहा, ''हम सभी बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए जाने वाले ऋण और सहायता की समीक्षा करने के लिए कहेंगे।'' पिछले महीने पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद भारत पड़ोसी देश को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। एजेंसियों ने पहलगाम में हुए नरसंहार के पीछे तीन पाकिस्तानी नागरिकों सहित पांच आतंकवादियों की पहचान की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में 'कायरतापूर्ण' आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड नौ मई को बढ़े हुए वित्त पोषण की समीक्षा के लिए पाकिस्तान के अधिकारियों से मिलने वाला है। आईएमएफ बोर्ड अपने जलवायु लचीलापन ऋण कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 अरब डॉलर के ऋण का मूल्यांकन करेगा।
इसके अलावा मौजूदा सात अरब अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज की समीक्षा भी की जाएगी। एशियाई विकास बैंक ने 31 दिसंबर, 2024 तक पाकिस्तान को कुल 43.4 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है। विश्व बैंक ने जनवरी 2025 में नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए 20 अरब डालर के ऋण पैकेज को मंजूरी दी थी।