आईबीबीआई ने रिणदाता समिति के लिये आचार संहिता का प्रस्ताव किया, लोगों से मांगे सुझाव
By भाषा | Published: August 28, 2021 12:38 AM2021-08-28T00:38:51+5:302021-08-28T00:38:51+5:30
दिवाला मामलों में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से भारतीय दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने शुक्रवार को रिणदाताओं की समिति के लिये आचार संहिता का प्रस्ताव किया है। दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) को लागू करने में आईबीबीआई की अहम् भूमिका है। बोर्ड ने परिसमापन प्रक्रिया के नियामकीय ढांचे को और मजबूत करने के लिये और उपायों का भी प्रस्ताव किया है। आईबीबीआई ने कार्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) और परिसमापन प्रक्रिया को लेकर जारी परिचर्चा पत्र पर सार्वजनिक टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं। सीआईआरपी पर जारी परिचर्चा पत्र में तीन मुद्दे शामिल हैं -- रिणदाताओं की समिति (सीओसी) के लिये आचार संहिता, समाधान योजना के लिये अनुरोध और ‘स्विस चैलेंज’ प्रणाली के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, जीवित बैंक गारंटी और रिण सुविधा का दावे के तौर पर उपचार। सार्वजनिक टिप्पणी और सुझाव देने के लिये 17 सितंबर तक का समय दिया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।