इस खास वजह से 'पिंक कलर' में पेश किया गया इकोनॉमिक सर्वे 2017-18
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 29, 2018 07:28 PM2018-01-29T19:28:30+5:302018-01-29T19:33:02+5:30
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 पेश किया। 1 फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट-2018
सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 पेश किया। इस बार का सर्वे पिंक (गुलाबी) रंग में प्रकाशित था। सर्वे को मीडिया के सामने रखते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने बताया कि इस बार दस्तावेज को पिंक कलर में क्यों रखा गया है। इसके पीछे की एक खास वजह बताते हुए सुब्रमण्यम ने कहा दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से इसबार का आर्थिक सर्वेक्षण पिंक कलर में प्रकाशित किया गया है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं का बड़ा योगदान होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों के पलायन से कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। महिलाओं के प्रोत्साहन के लिए ऐसे कदम उठाए जाने जरूरी हैं।
सर्वे के मुताबिक पिछले 10-15 सालों में भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार हआ है। हालांकि समाज में बेटों की चाहत अभी भी बनी हुई है। जिस वजह से जेंडर गैप बढ़ रहा है। इस जेंडर गैप को कम करने के लिए सर्वे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना बड़ा इनीशिएटिव साबित हुए हैं।
#economicsurvey18 आर्थिक सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े 10 नए आर्थिक तथ्यों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है #EconomicSurvey2018 https://t.co/42lYgGtnMypic.twitter.com/4lilXGKN3O
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) January 29, 2018
आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 की खास बातेंः-
1. इस साल जीडीपी 6.75 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2018-19 में जीडीपी 7 से 7.5 प्रतिशत की दर बढ़ सकती है। पिछले साल अगस्त में मध्यावधि आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था जिसमें जीडीपी की वार्षिक दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
2. आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं। कीमतें स्थिर रखने का प्रयास किया जाएगा।
3. अगले वित्त वर्ष में कृषि, शिक्षा और रोजगार पर फोकस रहेगा। इसके अलावा जीएसटी को भी ठीक तरीके से स्थापित किया जाएगा।
4. इस साल मैनुफैक्चरिंग ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
5. इस साल एग्रीकल्चर ग्रोथ 2.1 प्रतिशत रही है।
6. नोटबैन और जीएसटी के फैसलों के बाद 80 लाख नए टैक्सपेयर्स जुड़े हैं। इनमें 50 प्रतिशत अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी है।
7. महाराष्ट्र, यूपी, तमिलनाडु और गुजरात ऐसे राज्य हैं जहां सबसे बड़ी संख्या में जीएसटी पंजीकरण कराए गए। यूपी और पश्चिम बंगाल में नए करदाताओं के पंजीकरण में बढोत्तरी दर्ज की गई।
8. भारतीय इतिहास में पहली बार पांच राज्यों - महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में 70 प्रतिशत निर्यात रिकॉर्ड हुआ। भारत का अंदरूनी व्यापार भी काफी बढ़ा है।
9. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।