Haryana Old Age Pension: प्रदेश में कांग्रेस, इनोला और भाजपा की सरकारें आती-जाती रहीं, लेकिन इस बीच नहीं बदली तो वो थी वृद्धावस्था पेंशन योजना, जिसेस उम्रदराज लोगों को खाते में एकमुश्त रकम पहुंचती रही। और तो और अब यह बढ़कर 3000 रुपए हो गई है। गौरतलब है कि ये योजना 1 जुलाई, 1991 से शुरू हुई थी।
हरियाणा ओल्ड ऐज पेंशन स्कीम के तहत पहले 100 रुपए मिल रहे थे, फिर बढ़कर 23 सालों में यानी की 1991 से 2014 के बीच बढ़कर 1000 रुपए हो गई। वहीं, 2024 से 2024 तक प्रदेश में बीजेपी सरकार में सत्ता में रहते हुए बुजुर्ग लोगों को सीधे 1000 रुपए मिल रहे हैं।
यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि राज्य के लोगों ने कई दलों की सरकारों को सत्ता संभालने का मौका दिया। ऐसे में कांग्रेस, हरियाणा विकास पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल भी शामिल है। लेकिन, बुजुर्गों को उतना फायदा नहीं हुआ, जितना कि इन 10 सालों में हुआ क्योंकि इस बीच भाजपा की सरकारें भी रहीं।
म्हारा हरियाणा नॉनस्टाप हरियाणा के सपने को साकार करने वाली बीजेपी सरकार ने केवल पेंशन राशि बढ़ाई बल्कि वृद्धावस्था पेंशन की पूरी व्यवस्था ही ऑनलाइन कर दी है। अब हरियाणा में 60 वर्ष से ऊपर वाले बुजुर्गों को फैमिली आईडी के आधार पर ऑनलाइन सिस्टम से उनकी प्रतिमाह 3000 रुपए पेंशन सभी के चालू खाते में आ रही है।
हरियाणा में बुजुर्गों मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। 10,000 मतदाता सौ साल से ज्यादा उम्र के हैं। जबकि, 85 साल या इससे अधिक उम्र के मतदाता 2,55,000 हैं। साल 2013-14 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। तब राज्य के कुल व्यय का केवल 0.76% सामाजिक कल्याण पर खर्च किया गया। इसके विपरीत, एक दशक से हरियाणा की बागडोर संभाल रही भाजपा सरकार ने सामाजिक कल्याण पर होने वाले व्यय को 2024-25 में कुल बजट का 9.25% तक बढ़ा दिया है।