जीएसटी काउंसिल की बैठक में 29 वस्तुओं और 53 सेवाओं पर टैक्स दरों में कटौती का फैसला किया गया है। जीएसटी काउंसिल की 24वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई जिसका असर आने वाले केंद्रीय आम बजट में दिखाई देगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी रिटर्न के सरलीकरण को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि नंदन नीलेकणी ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। इसले अलावा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने पर कोई फैसला नहीं हो सका। तमाम वस्तुओं पर नई दरें 25 जनवरी से लागू होंगी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि कुछ कृषि से जुड़े यंत्रों की दरें कम की गई हैं। इसके अलावा 29 हैंडीक्राफ्ट (दस्तकारी) के सामानों को शून्य प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाया गया है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के रेवेन्यू में कमी हुई है इस बैठक में इस पर भी चर्चा हुई।
माना जा रहा था कि इस बैठक में रियल स्टेट और पेट्रोलियम को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले भी कई सार्वजनिक मंचों पर रियल स्टेट को जीएसटी में लाने की बात कह चुके हैं। लेकिन इस बैठक में रियल इस्टेट को जीएटी के दायरे में लाने पर कोई फैसला नहीं हुआ। अगर रियल स्टेट को जीएसटी के तहत लाया जाता है तो आम लोगों को स्टांप ड्यूटी समेत कई विस्तुओं पर होने वाले खर्च से मुक्ति मिल सकती है।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की पिछली मीटिंग आखिरी बार 16 दिसंबर को हुई थी। इसमें कर चोरी को रोकने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल को मंजूरी दी गई थी। इसका ट्रायल 15 जनवरी से शुरू हुआ है।