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GST Council meeting: बैठक में फैसला, आज देर रात राज्यों को 20 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे

By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 5, 2020 20:47 IST

42वीं GST काउंसिल मीटिंग में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस साल 20,000 करोड़ रुपये कंपनसेशन सेस इकट्ठा किया गया है जिसे आज रात राज्यों को बांटा जाएगा। 24,000 करोड़ रुपये का IGST अगले सप्ताह के अंत तक राज्यों को बांट दिया जाएगा।

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ठळक मुद्देपरिषद की बैठक के बाद वित्त सचिव ने यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद ने जून 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया। जीएसटी परिषद की माल एवं सेवा कर उपकर संग्रह में कमी तथा राज्यों की क्षतिपूर्ति पर आगे और विचार-विमर्श के लिये 12 अक्टूबर को बैठक होगी।निर्मला सीतारमण ने 42वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बार फिर बैठक में राज्यों को मुआवजा देने का मुद्दा उठा।

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा। जीएसटी परिषद ने इसरो, एंट्रिक्स की उपग्रहण प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट दी है।

42वीं GST काउंसिल मीटिंग में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस साल 20,000 करोड़ रुपये कंपनसेशन सेस इकट्ठा किया गया है जिसे आज रात राज्यों को बांटा जाएगा। 24,000 करोड़ रुपये का IGST अगले सप्ताह के अंत तक राज्यों को बांट दिया जाएगा।

परिषद की बैठक के बाद वित्त सचिव ने यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद ने जून 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया। जीएसटी परिषद की माल एवं सेवा कर उपकर संग्रह में कमी तथा राज्यों की क्षतिपूर्ति पर आगे और विचार-विमर्श के लिये 12 अक्टूबर को बैठक होगी।

निर्मला सीतारमण ने 42वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बार फिर बैठक में राज्यों को मुआवजा देने का मुद्दा उठा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में मुख्य तौर पर राज्यों को बकाया देने के सवाल पर उठे विवाद पर चर्चा हुई। वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय साल में राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी मुआवजे में  2,35,000 करोड़ के शॉर्टफॉल या फिर गिरावट का अंदेशा है।

क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने परिषद ने इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का भी निर्णय किया।

वित्त मंत्री सीतारमण ने बैठक के बाद कहा, ‘‘क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद ने जून 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की माल एवं सेवा कर उपकर संग्रह में कमी तथा राज्यों की क्षतिपूर्ति पर आगे और विचार-विमर्श के लिये 12 अक्टूबर को बैठक होगी। परिषद की बैठक के बाद वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि जीएसटी परिषद ने इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का निर्णय किया है।

कुल 21 राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया

भाजपा शासित राज्यों समेत कुल 21 राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है। इन राज्यों के पास चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 97 हजार करोड़ रुपये उधार लेने का विकल्प चुनने का सितंबर मध्य तक समय था। हालांकि पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल जैसे विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा कर्ज उठाने के दिए गए विकल्प को अब तक नहीं चुना है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। केंद्र सरकार की गणना के हिसाब से इसमें महज 97 हजार करोड़ रुपये की कमी के लिये जीएसटी का क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड-19 के कारण है। केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया था। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गयी विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं।

जीएसटी परिषद बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति मामले पर नहीं बन पायी आम सहमति

जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति दिये जाने के मामले में कोई आम सहमति नहीं बन पायी। परिषद क्षतिपूर्ति के लिये कर्ज लेने के उपाय पर राजनीतिक विचारों के आधार पर बटी दिखी। समिति की काफी देर तक चली बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 21 राज्यों ने केंद्र के सुझाये दो विकल्पों में से एक का चयन किया है।

उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ राज्यों ने दोनों विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं किया। इसको देखते हुए परिषद की इस बारे में आगे और विचार-विमर्श को लेकर 12 अक्टूबर को फिर बैठक होगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने राज्यों को जीएसटी संग्रह में कमी की भरपाई के लिए बाजार से या फिर रिजर्व बैंक से कर्ज लेने का विकल्प दिया है। केंद्र के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है।

केंद्र के आकलन के अनुसार करीब 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी क्रियान्वयन के कारण है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की वजह कोविड-19 है। इस महामारी के कारण राज्यों के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है। केंद्र ने इस कमी को पूरा करने राज्यों को दो विकल्प दिये हैं। इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से लेने का विकल्प दिया गया है।

सीतारमण ने यह भी कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने जून 2022 के बाद भी जीएसटी उपकर जारी रखने का निर्णय किया है। पहले जीएसटी उपकर लगाये जाने की समयसीमा जून 2022 थी। वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि जीएसटी परिषद ने छोटे करदाताओं पर बोझ को आसान बनाने समेत इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का निर्णय किया है। 

(इनपुट एजेंसी)

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