नई दिल्लीः मोदी सरकार खाते में झमाझम पैसों की बारिश हुई है। नवंबर 2025 में भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ₹1.70 लाख करोड़ रहा। जो फरवरी 2024 के बाद से सबसे कम मासिक सकल संग्रह है। सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह नवंबर में 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 1.70 लाख करोड़ रुपये रहा है। घरेलू राजस्व में गिरावट के कारण जीएसटी संग्रह कम हुआ है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। सकल माल एवं सेवा कर संग्रह बीते वर्ष नवंबर में 1.69 लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक रहा था।
आलोच्य महीने में सकल घरेलू राजस्व 2.3 प्रतिशत घटकर 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। यह गिरावट 375 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी के बाद आई है। नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी हुई हैं। वस्तुओं के आयात से राजस्व 10.2 प्रतिशत बढ़कर 45,976 करोड़ रुपये रहा। सकल घरेलू जीएसटी राजस्व साल-दर-साल 2.3% घटकर ₹1.24 लाख करोड़ रह गया।
जिसमें सीजीएसटी ₹34,843 करोड़, एसजीएसटी ₹42,522 करोड़ और आईजीएसटी ₹46,934 करोड़ रहा। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2025 में भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 8.9% बढ़कर 14,75,488 करोड़ रुपये हो गया। जबकि नवंबर 2024 में यह 13,55,242 करोड़ रुपये था।
मासिक आधार पर, नवंबर 2025 में जीएसटी संग्रह मामूली 0.7% बढ़कर 1,70,276 करोड़ रुपये हो गया। नवंबर 2025 में सकल घरेलू जीएसटी राजस्व महीने-दर-महीने 2.3 प्रतिशत घटकर 1.24 लाख करोड़ रुपये रह गया, जबकि आयात कर 10.2 प्रतिशत बढ़कर 45,976 करोड़ रुपये हो गया।
कुल मिलाकर जीएसटी रिफंड साल-दर-साल 3.5 प्रतिशत घटकर 18,196 करोड़ रुपये रह गया। नवंबर 2025 में भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 8.9% बढ़कर 14,75,488 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नवंबर 2024 में यह 13,55,242 करोड़ रुपये था। मासिक आधार पर, नवंबर 2025 में जीएसटी संग्रह मामूली 0.7% बढ़कर 1,70,276 करोड़ रुपये हो गया।