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होटल में ठहरने से पहले देख लें रेंट?, किराया 7500 रुपये प्रतिदिन है तो 18 प्रतिशत लगेगा जीएसटी, 1 अप्रैल से कटेगा जेब, जानें असर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 28, 2025 12:23 IST

होटल के अंदर रेस्तरां सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ स्वत: रूप से 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

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ठळक मुद्देयह ‘घोषित शुल्क’ की व्यवस्था की जगह लेगा।सीबीआईसी ने ‘निर्दिष्ट परिसर’ को ऐसे परिसर के रूप में परिभाषित किया है।वित्त वर्ष से कमरे का किराया 7,500 रुपये से अधिक वसूलने की योजना है।

नई दिल्लीः केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्त वर्ष में किसी भी समय कमरे का किराया 7,500 रुपये प्रतिदिन से अधिक वसूलने वाले होटल को अगले वित्त वर्ष के लिए ‘निर्दिष्ट परिसर’ माना जाएगा और ऐसे परिसरों के अंदर प्रदान की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एक अप्रैल, 2025 से, ऐसे रेस्तरां जो होटलों के अंदर संचालित होते हैं, उनकी करयोग्यता आपूर्ति के मूल्य (लेन-देन मूल्य) के आधार पर होगी। यह ‘घोषित शुल्क’ की व्यवस्था की जगह लेगा।

सीबीआईसी ने ‘निर्दिष्ट परिसर में आपूर्ति की गई रेस्तरां सेवा’ विषय पर जारी अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) में कहा है , ‘‘एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाली अवधि के लिए, पिछले वित्त वर्ष में होटल आवास की आपूर्ति का मूल्य, यानी उक्त आपूर्ति के लिए लिया गया लेनदेन मूल्य, यह निर्धारित करने का आधार होगा कि होटल आवास सेवा प्रदान करने वाला परिसर चालू वित्त वर्ष में अनिवार्य रूप से ‘निर्दिष्ट परिसर’ की श्रेणी में आता है या नहीं।’’ सीबीआईसी ने ‘निर्दिष्ट परिसर’ को ऐसे परिसर के रूप में परिभाषित किया है।

जहां से आपूर्तिकर्ता ने पिछले वित्त वर्ष में ‘होटल में रहने’ की सेवा प्रदान की है और जिसमें आवास की किसी भी इकाई की आपूर्ति का मूल्य 7,500 रुपये प्रति इकाई प्रति दिन या उससे अधिक है। ऐसी होटल के अंदर रेस्तरां सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ स्वत: रूप से 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

होटलों के अंदर रेस्तरां सेवाएं जिनके कमरे का किराया पिछले वित्त वर्ष में 7,500 रुपये प्रति दिन से अधिक नहीं रहा है, उन पर आईटीसी के बिना पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा। साथ ही, जिस होटल की अगले वित्त वर्ष से कमरे का किराया 7,500 रुपये से अधिक वसूलने की योजना है।

वे चालू वित्त वर्ष की एक जनवरी से 31 मार्च के बीच जीएसटी अधिकारियों के समक्ष ‘ऑप्ट इन’ यानी व्यवस्था में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही, नए पंजीकरण की मांग करने वाले होटलों को उक्त परिसर को ‘निर्दिष्ट परिसर’ घोषित करते हुए इसे प्राप्त करने के 15 दिन के भीतर इस व्यवस्था को अपनाने के बारे में जानकारी देनी होगी।

सीबीआईसी ने कहा कि निर्दिष्ट परिसर की परिभाषा में ‘घोषित टैरिफ’ की अवधारणा को ‘आपूर्ति के मूल्य’ (अर्थात लेनदेन मूल्य) से प्रतिस्थापित किया जा रहा है, क्योंकि होटल उद्योग बड़े पैमाने पर गतिशील मूल्य निर्धारण मॉडल की ओर बढ़ गया है। सीबीआईसी ने कहा कि यह व्यवस्था ‘होटल आवास सेवा के आपूर्तिकर्ता को परिसर को ‘निर्दिष्ट परिसर’ के रूप में घोषित करने का विकल्प भी देगा।

ताकि उक्त परिसर में स्थित रेस्तरां, सेवा की आपूर्ति पर 18 प्रतिशत की दर के साथ आईटीसी का लाभ उठा सकें। ईवाई टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि अनुपालन को सरल बनाने के लिए, सीबीआईसी ने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न जारी किए हैं। इसके जरिये स्पष्ट किया गया है कि यदि पिछले वित्त वर्ष में होटल आवास का मूल्य 7,500 रुपये प्रति दिन से अधिक है, तो परिसर आईटीसी के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी के अधीन होगा। यदि मूल्य पिछले वित्त वर्ष में 7,500 रुपये से अधिक नहीं है, तो होटल स्वेच्छा से ‘निर्दिष्ट परिसर’ वर्गीकरण के लिए विकल्प चुन सकते हैं।

घोषणा तब तक वैध रहेगी जब तक वे उससे बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस व्यवस्था से वार्षिक फाइलिंग की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। प्रत्येक परिसर के लिए अलग-अलग घोषणाएं आवश्यक हैं और निर्दिष्ट परिसर के बाहर स्थित रेस्तरां के लिए, आईटीसी के बिना जीएसटी दर पांच प्रतिशत है।’’ 

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