एफएसएसएआई ने राज्यों को अन्य खाद्यतेलों में सरसों की मिलावट रोकने के फैसले को लागू करने को कहा
By भाषा | Published: June 9, 2021 10:21 PM2021-06-09T22:21:05+5:302021-06-09T22:21:05+5:30
नयी दिल्ली, नौ जून खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने राज्यों से 8 जून से किसी भी अन्य खाद्य तेल के साथ सरसों तेल के मिश्रण पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा है।
एफएसएसएआई ने आठ मार्च की अपनी अधिसूचना में, आठ जून 2021 से बहु-स्रोत खाद्य वनस्पति तेलों (एमएसईवीओ) के उत्पादन में सरसों तेल सम्मिश्रण पर रोक लगा दी थी।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू किया जाये, खाद्य नियामक ने आठ जून को एक आदेश जारी कर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण को एक निरीक्षण जांच अभियान चलाने के लिए कहा है।
एफएसएसएआई के नियमों के अनुसार, अन्य दो खाद्य तेलों के सम्मिश्रण की अनुमति है, बशर्ते सम्मिश्रण प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले किसी भी खाद्य वनस्पति तेल का अनुपात 20 प्रतिशत से कम न हो।
खाद्य तेल उद्योग निकाय सीओओआईटी ने कहा कि इस कदम से सरसों उत्पादकों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा।
सीओओआईटी के अध्यक्ष सुरेश नागपाल ने कहा कि सरसों की फसल के तहत बुवाई क्षेत्र बढ़ाने के लिए सरसों उत्पादकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरसों के तेल के अधिक घरेलू उत्पादन से खाद्य तेल के आयात में कुछ हद तक गिरावट आएगी।
नागपाल ने कहा, 'अब चूंकि किसी और तेल का मिश्रण नहीं होगा, इसलिए शुद्ध सरसों के तेल की मांग बढ़ेगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।