FPI Bajar 2024: विदेशी निवेशकों ने इस महीने के पहले हफ्ते में घरेलू शेयरों से करीब 14,800 करोड़ रुपये निकाले। भारत के आम चुनाव के नतीजों और चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन से प्रभावित होकर उन्होंने ऐसा किया। चुनाव नतीजों की अनिश्चितता, मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में 25,586 करोड़ रुपये और अप्रैल में 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध निकासी की थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले, एफपीआई ने मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। उन्होंने जनवरी में 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे। विशेषज्ञों ने कहा कि मध्यम से लेकर दीर्घ अवधि के नजरिए से बात की जाए तो विदेशी निदेशकों की नजर भारत में ब्याज दरों की दिशा पर होगी।
आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने (सात जून तक) 14,794 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। भारत में आम चुनाव के नतीजों ने जून में भारतीय इक्विटी बाजारों में विदेशी निवेशकों के प्रवाह को काफी प्रभावित किया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि चीनी शेयरों को लेकर एफपीआई की निराशा खत्म होती दिख रही है।
हांगकांग एक्सचेंज में सूचीबद्ध चीनी शेयरों में निवेश बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि चीनी शेयरों का मूल्यांकन बहुत आकर्षक हो गया है। दूसरी ओर, एफपीआई ने ऋण बाजार में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
अप्रैल में 448 अवसंरचना परियोजनाओं की लागत में 5.55 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2024 में 150 करोड़ रुपये से अधिक की 448 अवसंरचना परियोजनाओं की लागत में कुल 5.55 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। मंत्रालय 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक मूल्य की अवसंरचना परियोजनाओं की निगरानी करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी 1,838 परियोजनाओं में 448 की लागत में बढ़ोतरी हुई है और 792 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में अप्रैल 2024 के बारे में कहा गया है, "1,838 परियोजनाओं के कार्यान्वयन की कुल मूल लागत 27,64,246.50 करोड़ रुपये थी और अब उनकी अनुमानित समापन लागत 33,19,601.84 करोड़ रुपये है।
इससे लागत में 5,55,355.34 करोड़ रुपये (मूल लागत का 20.09 प्रतिशत) की कुल बढ़ोतरी को दर्शाता है।" रिपोर्ट के मुताबिक इन परियोजनाओं पर अप्रैल 2024 तक कुल 16,92,997.5 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 51 प्रतिशत है। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की ताजा समयसारिणी के अनुसार गणना की जाए तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या घटकर 514 हो सकती है।