नयी दिल्ली, 22 जून एल्युमीनियम के विनिर्माण में काम आने वाले बॉक्साइट के आयात से अप्रैल- जून अवधि के दौरान 390 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ है। इंडियन इंस्ट्रियल वैल्यू चैन कलेक्टिव (आईआईवीसीसी) ने यह जानकारी दी है।
आईआईवीसीसी देशभर में औद्योगिक उत्पादन और खपत की आपूर्ति श्रृंखला गतिविधियों में शामिल संगठनों का प्रतिनिधित्व करती है।
आईआईवीसीसी ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘अप्रैल से 10 जून, 2021 की पहली तिमाही में बॉक्साइट की आयात गतिविधियों से 5.19 करोड़ डॉलर (390 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। आयात के बजाय इस नुकसान का फायदा भारतीय लोगों का मिलता। यह धन बॉक्साइट निकालने, परिवहन करने वालों, बॉक्साइट का प्रसंस्करण और आपूर्ति तथा इसका अंतिम इस्तेमाल करने वालों को जाता।’’
आईआईवीसीसी के सदस्य अभय राज मिश्रा ने कहा कि भारत के पास दुनिया में बॉक्साइट का 3.8 अरब टन का पांचवां बड़ा भंडार है, इसके बावजूद एल्युमीनियम उद्योग लगातार आयातित बॉक्साइट पर निर्भर है। इस आयात की वजह से पिछले छह साल के दौरान 57.10 करोड़ डॉलर (4,400 करोड़ रुपये) का विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ है।
वाणिज्य मंत्रालय के आयात- निर्यात डेटाबैंक में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक पिछले छह साल के दौरान बॉक्साइट आयात 300 प्रतिशत तक बढ़ा है।
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