गैर-यूरिया उर्वरकों फॉस्फोरस और सल्फर पर 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी, दरें एक अक्टूबर, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 28, 2025 18:55 IST2025-10-28T18:53:31+5:302025-10-28T18:55:50+5:30

पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत सब्सिडी दर आयात मूल्य और पोषक तत्वों की आवश्यकता, सब्सिडी का बोझ और एमआरपी आदि जैसे अन्य कारकों को ध्यान में रख कर तय की गई है। सब्सिडी दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।

Farmers benefit, Rs 37,952 crore subsidy non-urea fertilizers phosphorus and sulfur, rates effective from October 1, 2025 to March 31, 2026 | गैर-यूरिया उर्वरकों फॉस्फोरस और सल्फर पर 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी, दरें एक अक्टूबर, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी

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Highlightsसल्फर की सब्सिडी 1.77 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 2.87 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है।नाइट्रोजन और पोटाश के लिए सब्सिडी दर क्रमशः 43.02 रुपये प्रति किलोग्राम और 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम पर बरकरार है। 2025 रबी के लिए स्वीकृत सब्सिडी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 14,000 करोड़ रुपये अधिक है।

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को चालू 2025-26 रबी सत्र के लिए गैर-यूरिया उर्वरकों फॉस्फोरस और सल्फर पर 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी। हालांकि, नाइट्रोजन और पोटाश के लिए सब्सिडी दर में बदलाव नहीं किया गया है। ये दरें एक अक्टूबर, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने चालू रबी सत्र के लिए फॉस्फेट सब्सिडी को 43.60 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 47.96 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है। इसी प्रकार सल्फर की सब्सिडी 1.77 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 2.87 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है।

दूसरी ओर नाइट्रोजन और पोटाश के लिए सब्सिडी दर क्रमशः 43.02 रुपये प्रति किलोग्राम और 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम पर बरकरार है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘2025 रबी के लिए स्वीकृत सब्सिडी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 14,000 करोड़ रुपये अधिक है।

पिछले रबी सत्र के दौरान सब्सिडी लगभग 24,000 करोड़ रुपये थी।’’ उन्होंने बताया कि पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत सब्सिडी दर आयात मूल्य और पोषक तत्वों की आवश्यकता, सब्सिडी का बोझ और एमआरपी आदि जैसे अन्य कारकों को ध्यान में रख कर तय की गई है। सब्सिडी दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।

देश के कई हिस्सों में रबी (सर्दियों) की बुवाई शुरू हो गई है। इस मौसम में गेहूं, सरसों और चना मुख्य फसलें हैं। सरकार ने किसानों को बिना किसी बढ़े हुए एमआरपी के साथ डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष पैकेज दिया है।

उन्होंने कहा कि फॉस्फोरस और सल्फर की कीमतें पिछले स्तर से 10 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं, जबकि नाइट्रोजन और पोटाश समान स्तर पर हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘डीएपी और टीएसपी अत्यधिक खपत वाले उर्वरक हैं। सब्सिडी दर में वृद्धि से रबी सत्र में किसानों को लाभ होगा।’’

उन्होंने आगे कहा कि इन उर्वरकों की खुदरा कीमतों में वृद्धि न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार इसका भार वहन कर रही है। पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना केंद्र सरकार की एक पहल है, जिसके तहत गैर-यूरिया उर्वरकों, विशेष रूप से नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश और सल्फर पर सब्सिडी दी जाती है।

Web Title: Farmers benefit, Rs 37,952 crore subsidy non-urea fertilizers phosphorus and sulfur, rates effective from October 1, 2025 to March 31, 2026

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