Employees Provident Fund Organization EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अगस्त, 2023 में शुद्ध रूप से 16.99 लाख सदस्य जोड़े। नियमित वेतन पर नौकरी पाने वालों के बारे में शुक्रवार को जारी आंकड़ों (पेरोल आंकड़ा) में यह जानकारी दी गई।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आंकड़ों की सालाना आधार पर तुलना करने पर अगस्त, 2022 के मुकाबले इस साल शुद्ध रूप से सदस्यों की संख्या में मामूली वृद्धि दिखती है। महीने के दौरान 3,210 प्रतिष्ठानों ने अपना पहला ईसीआर (इलेक्ट्रॉनिक चलान सह रिटर्न) जमा कर कर्मचारियों को ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में लाया है।
आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2023 के दौरान लगभग 9.26 लाख नए सदस्यों ने नामांकन किया है। ईपीएफओ में शामिल होने वाले 18-25 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की हिस्सेदारी कुल नए सदस्यों का 58.36 प्रतिशत है। यह बताता है कि पहली बार नौकरी पाने वाले ज्यादातर युवा बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।
नियमित वेतन पर नौकरी पाने वालों का आंकड़ा दर्शाता है कि लगभग 11.88 लाख सदस्य जो बाहर चले गए थे, वे फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए। इस दर में सालाना आधार पर 10.13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इन सदस्यों ने अपनी नौकरियां बदल लीं और ईपीएफओ के तहत आने वाले संस्थानों में फिर से शामिल हो गए।
साथ ही इन्होंने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी जमा राशि को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि पिछले दो महीनों में ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले सदस्यों में लगातार गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2023 के दौरान शुद्ध रूप से लगभग 3.43 लाख महिला सदस्य ईपीएफओ से जुड़ीं। लगभग 2.44 लाख महिला सदस्य पहली बार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आई हैं। राज्यों के अनुसार विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक शुद्ध वृद्धि हुई।
इन राज्यों में संयुक्त रूप से 9.96 लाख सदस्य अगस्त में बढ़े हैं, जो कुल नए सदस्यों का 58.64 प्रतिशत है। बयान में कहा गया कि आंकड़े अस्थायी है, क्योंकि आंकड़े एकत्रित करना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।