कर्मचारी भविष्य निधि संगठनः नौकरी नहीं है तो थोड़ी सी राहत?, अपनी भविष्य निधि से 12 महीने और पेंशन खाते से 36 महीनों के बाद निकाल सकेंगे पूरी राशि
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 15, 2025 10:06 IST2025-10-15T10:05:30+5:302025-10-15T10:06:14+5:30
Employees' Provident Fund Organisation: सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल (सीबीटी) की सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के बेरोजगार सदस्य अब अपनी भविष्य निधि से 12 महीनों के बाद और पेंशन खाते से 36 महीनों के बाद ही पूरी राशि निकाल सकेंगे। फिलहाल लगातार दो महीने बेरोजगार रहने वाले अंशधारकों को अपनी भविष्य निधि एवं पेशन खाते से पूरी राशि निकालने की मंजूरी है।
सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल (सीबीटी) की सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राशि की निकासी की अवधि बढ़ाने का उद्देश्य औपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश बेरोजगार युवा नया रोजगार मिलने पर ईपीएफओ का फिर से हिस्सा बन जाते हैं लेकिन दो महीने की बेरोजगारी के बाद राशि निकालने की वजह से वे पेंशन एवं अन्य लाभ के अवसर खो देते हैं। इसकी वजह यह है कि 10 साल या अधिक की कुल सेवा के बाद ही पेंशन की पात्रता होती है।
श्रम मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि अब कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की समय से पहले अंतिम निकासी की अवधि दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने और पेंशन की अंतिम निकासी की अवधि दो महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है। हालांकि, सदस्यों के लिए आंशिक निकासी के नियम आसान बनाते हुए उऩ्हें 100 प्रतिशत तक की निकासी की मंजूरी दे दी गई है।
लेकिन सदस्य के लिए अपने योगदान का 25 प्रतिशत न्यूनतम शेष बनाए रखने का प्रावधान रखा गया है। इससे सदस्यों के पास ऊंची ब्याज दर और उस पर मिलने वाले चक्रवृद्धि लाभ का फायदा उठाकर सेवानिवृत्ति के समय बड़ी राशि जमा करने का अवसर होता है। मंत्रालय ने कहा कि इस बदलाव से सदस्य तत्काल वित्तीय जरूरतें पूरी कर सकते हैं, जबकि उनकी सेवानिवृत्ति बचत और पेंशन पात्रता सुरक्षित रहती है।