नयी दिल्ली ,13 मई दवा कंपनी एली लिली ने कोविड19 की अपनी दवा बैरिसिटीनिब के उत्पादन के लिए भारत में तीन कंपनियों टॉरेंट फार्मास्यूटिकल्स, डॉ रेड्डीज और एमएसएन लैबोरेट्रीज के साथ अतिरिक्त स्वैच्छिक लाइसेंस समझौते किए हैं।
एली लिली ने समझौते के तहत तीनों कंपनियों को अतिरिक्त रॉयल्टी मुक्त, गैर विशेष स्वैच्छिक लाइसेंस जारी किए हैं।
कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "इन तीन अतिरिक्त स्वैच्छिक लाइसेंस समझौतों से इस महामारी के दौरान बैरिसिटीनिब का उच्च गुणवत्तापूर्ण निर्माण एवं उपलब्धता सुनिश्चित होगी जिससे भारत में इस समय कोविड-19 से जूझ रहे लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डालने की खातिर इलाज के स्थानीय विकल्प बेहतर होंगे।"
भारतीय उपमहाद्वीप, लिली इंडिया के प्रबंध निदेशक लुका वसिनी ने कहा, "लिली अपने नवीन और सफल दवाओं के प्रभावशाली पोर्टफोलियो के जरिये इस स्वास्थ्य सेवा चुनौती से निपटने में भारत की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
उन्होंने कहा कि यह कंपनी की ओर से भारत सरकार को की जा रही दान की पेशकश के अतिरिक्त है।
इन समझौतों के बारे में टारेंट फार्मा के मुख्य विपणन अधिकारी अमन मेहता कहा, ‘ यह भागादी इस महामारी से निपटने तथा मरीजों को अच्छा इजाल दिलाने में देश की मदद करने के हमारे प्रयासों को और शक्ति देगी।’
एम एस एन समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमएसएन रेड्डी ने कहा इस समझौते को कोविड का मुकाबला करने के प्रयासों में एक ‘ ऐतिहासिक समझौता’ बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी यह दवा 2एमजी और 4एमजी की खुराक में पेश करेगी।
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