Economic Survey: 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 8-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश की, जानें मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 31, 2022 01:23 PM2022-01-31T13:23:29+5:302022-01-31T14:12:41+5:30

Economic Survey:  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्ताव पेश करेंगी।

Economic Survey Finance Minister Nirmala Sitharaman Economic Survey 2021-22 Statistical Appendix Lok Sabha | Economic Survey: 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 8-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश की, जानें मुख्य बातें

मार्च, 2020 के बाद देश में सख्त लॉकडाउन लगाने के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं।

Highlightsलगातार चौथा मौका होगा, जब सीतारमण बजट पेश करेंगी।2021-22 के लिए 11 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान जताया गया था।2020-21 में अर्थव्यवस्था का संकुचन 7.3 प्रतिशत रहा।

Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आर्थिक समीक्षा पेश की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार के बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का ब्योरा दिया गया है।

आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है।

समीक्षा 2021-22 में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार की जाने वाली बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा में निगाहें मुख्य तौर जिन विषयों पर होती हैं उनमें से एक है अगले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान। सरकार ने अर्थशास्त्री वी अनंत नागेश्वरन को हाल में नया सीईए नियुक्त किया है। उन्होंने के वी सुब्रमण्यम की जगह ली है जिनका तीन वर्ष का कार्यकाल दिसंबर, 2021 में पूरा हो गया था। 

आर्थिक समीक्षा की मुख्य बातेंः

वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहेगी। आर्थिक गतिविधियां महामारी-पूर्व के स्तर पर।

अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में, 2022-23 की चुनौतियों से निपटने में सक्षम

महामारी के कारण हुए नुकसान से निपटने के लिए भारत की आर्थिक प्रतिक्रिया मांग प्रबंधन के बजाय आपूर्ति-पक्ष में सुधार पर केंद्रित रही है।

वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि को व्यापक टीकाकरण, आपूर्ति-पक्ष में किए गए सुधारों से हासिल लाभ एवं नियमन में दी गई ढील से समर्थन मिलेगा

मजबूत निर्यात वृद्धि और राजकोषीय गुंजाइश होने से पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी जिससे अगले वित्त वर्ष में वृद्धि को समर्थन मिलेगा

वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए समर्थन देने की बेहतर स्थिति में, निजी निवेश तेज होगा

8-8.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान कच्चे तेल का भाव 70-75 डॉलर प्रति बैरल पर रहने के आधार पर जताया गया है जबकि कच्चे तेल के मौजूदा भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 में महामारी के दौरान घाटे में वृद्धि और कर्ज संकेतक बढ़ने के बाद वर्ष 2021-22 में सरकार की वित्तीय स्थिति में मजबूती आएगी

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भारत के लिए वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सफल जलवायु कार्रवाई के लिए जलवायु वित्त महत्वपूर्ण

लघु जोत वाली कृषि प्रौद्योगिकियों के जरिये छोटे एवं सीमांत किसानों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर

तिलहन, दलहन और बागवानी की ओर फसल विविधीकरण को प्राथमिकता देने की जरूरत।

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