आर्थिक वृद्धिः दुनिया के कई देश में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल?, भारतीय इकोनॉमी में तेजी, चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.4%
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 30, 2025 16:42 IST2025-05-30T16:41:31+5:302025-05-30T16:42:29+5:30
मार्च तिमाही में वृद्धि दर के सुस्त पड़ने से समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।

सांकेतिक फोटो
नई दिल्लीः देश की आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में धीमी होकर 7.4 प्रतिशत रही। इसके साथ पूरे वित्त वर्ष के दौरान वार्षिक वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि एक साल पहले की समान तिमाही के 8.4 प्रतिशत से कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में वृद्धि दर के सुस्त पड़ने से समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।
वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2024-25 के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत आंकी थी। एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही है।