DPIIT: पीने योग्य पानी की बोतलों और लौ पैदा करने वाले लाइटर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानक लागू, जानें उल्लंघन करने पर क्या है सजा और जुर्माना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 12, 2023 08:23 PM2023-07-12T20:23:02+5:302023-07-12T20:25:37+5:30
DPIIT: गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) के तहत दो वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और स्टॉक तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) का चिह्न न हो।
DPIIT: सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात को रोकने और इन उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीने योग्य पानी की बोतलों और लौ पैदा करने वाले लाइटर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं। इस संबंध में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने पांच जुलाई को एक अधिसूचना जारी की थी।
इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) के तहत दो वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और स्टॉक तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) का चिह्न न हो। अब, बीआईएस अधिनियम, 2016 के अनुसार गैर-बीआईएस प्रमाणित उत्पादों का विनिर्माण, भंडारण और बिक्री प्रतिबंधित है।
बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध की स्थिति दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरे और उसके बाद के अपराध के मामले में, जुर्माना बढ़कर न्यूनतम 5 लाख रुपये हो जाएगा और अधिकतम माल या वस्तुओं के मूल्य के दस गुना तक हो सकता है।
डीपीआईआईटी ने कहा, ‘‘गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लेकर जारी अधिसूचना की तारीख से छह महीने बाद प्रभावी होंगे। इस कदम का लक्ष्य भारत में गुणवत्ता परिवेश को मजबूत करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाना है।’’ पिछले महीने, सरकार ने 20 रुपये से कम कीमत वाले सिगरेट लाइटर के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इनमें से ज्यादातर लाइटर की कीमत 5 रुपये प्रति इकाई से कम है।