मुंबई, चार जनवरी एयर इंडिया की पायलट यूनियनों... इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने एयरलाइन की निदेशक (वाणिज्यिक) मीनाक्षी मलिक को पद से हटाने की मांग की है। पायलट यूनियनों का कहना है कि मलिक ने कर्मचारियों के गठजोड़ के प्रमुख के रूप में एयरलाइन के लिए बोली लगाई है। ऐसे में ‘हितों के टकराव’ की स्थिति बनती है, इसलिए मलिक को पद से हटाया जाना चाहिए।
इन आरोपों पर मलिक ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह पहले ही खुद को विनिवेश पर बोर्ड की बैठक से अलग कर चुकी हैं और अभी एयरलाइन के रोजाना के कामकाज को ही देख रही हैं।
मलिक ने कहा, ‘‘मैंने 30 नवंबर को चेयरमैन और निदेशक मंडल को पत्र लिखकर बताया था कि मैं बोली में भाग ले रही हैं। ऐसे में जब भी विनिवेश से संबंधित बोर्ड की बैठक होगी, मैं उससे अलग रहूंगी।’’
उन्होंने कहा कि अभी वह एयरलाइन के रोजाना के कामकाज से जुड़ी हैं और उन्हें पत्र की कोई जानकारी नहीं है। ‘‘जहां तक बोली लगाने का सवाल है तो भारत सरकार ने मुझे इसका अधिकार दिया है और मै उसी के अनुरूप चल रही हूं।’’
उन्होंने कहा कि पिछले साल 20 जनवरी को जारी शुरुआती सूचना ज्ञापन (पीआईएम) के जरिये सरकार ने एयरलाइन के पूर्णकालिक निदेशकों को बोली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी थी। 14 दिसंबर को बोलियां जमा करने की अंतिम तारीख थी। उस दिन सरकार ने कहा था कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कई बोलियां मिली हैं। हालांकि, सरकार ने बोली लगाने वालों का खुलासा नहीं किया था।
हालांकि, सूत्रों ने कहा था कि टाटा संस, मलिक की अगुवाई वाले एयर इंडिया कर्मचारियों के एक समूह और अमेरिका की कंपनी इंटरअप्स ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है।
एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को सोमवार को लिखे संयुक्त पत्र में पायलट यूनियनों ने कहा है कि 16 दिसंबर के कार्यालय आदेश के अनुसार यह तथ्य सामने आया है कि प्रबंधन कर्मचारियों के एक गठजोड़ ने एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए बोली लगाई है।
पत्र में कहा गया है कि यह गठजोड़ मलिक की अगुवाई वाला है। वाणिज्यिक विभाग के प्रमुख के रूप में उनके पास हमारे पूरे नेटवर्क तथा मौजूदा और भविष्य की कारोबारी योजना की भेदिया सूचना तक पहुंच है। पत्र में कहा गया है कि यह हितों के टकराव का मामला है और मलिक तथा संवेदनशील पद पर बैठे अन्य महत्वपूर्ण प्रबंधन कर्मचारी बोलीदाताओं को पद से हटाया जाना चाहिए।
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