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दिल्ली हाईकोर्ट ने चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर सीबीआई से मांगा जवाब

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 20, 2022 18:45 IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा है।

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ठळक मुद्देदिल्ली हाईकोर्ट ने चित्रा रामाकृष्ण की जमानत याचिका के मामले में सीबीआई से मांगा जवाब 12 मई को लोअर कोर्ट ने चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका खारिज कर दी थी चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई में आनंद सुब्रमण्यम के साथ मिलकर कई तरह की अनियमितताएं की हैं

दिल्ली: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर कुमार जैन अब चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर 31 मई को सुनवाई करेंगे।

इससे पहले 12 मई को लोअर कोर्ट ने चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अभी चित्रा की जमानत को मंजूर किये जाने का कोई आधार नहीं दिखाई दे रहा है, जबकि सीबीआई स्टॉक एक्सचेंज के कंप्यूटर सर्वर से स्टॉक ब्रोकरों तक खुफिया जानकारी लीक करने के मामले की जांच कर ही रही है।

मालूम हो कि कोर्ट द्वारा चित्रा रामकृष्ण की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के अगले दिन यानी 6 मार्च को सीबीआई ने रामकृष्णा को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के सात दिन बाद लोअर कोर्ट ने ने सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद 14 मार्च को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

लोअर कोर्ट के स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने चित्रा रामकृष्ण की जमानत को खारिज करते हुए अपने आदेश में नोबेल पुरस्कार विजेता बॉब डिलेन और फ्रेंकस्टीन राक्षस का हवाला देते हुए कहा था कि आरोपी रामकृष्ण एनएसई को किसी निजी क्लब की तरह चला रही थीं। नोबेल पुरस्कार विजेता बॉब डायलन ने एक बार कहा था कि पैसा बोलता नहीं है, यह कसम खाता है। जज संजीव अग्रवाल ने कहा, “इट्स ओके मदर आई एम ओनली ब्लीडिंग” का अर्थ है कि न केवल पैसे के कारण लोगों के जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है बल्कि इससे लोगों के मन में विकृति पैदा करती है।

उससे पहले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बताया था कि एनएसई में सीनियर लेवल की नियुक्ति में चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण सहित अन्य अधिकारियों को सजा दी थी। रवि नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई के एमडी और और सीईओ थे, जबकि चित्रा रामकृष्णा के पास अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की कमान थी।

सीबीआई के आरोप के मुताबिक एनएसई में आनंद सुब्रमण्यम चित्रा रामकृष्णा के सीईओ रहते हुए बेहद प्रभावशाली थे और वो एनएसई की कार्यप्रणाली और सेवा शर्तों का गंभीर उल्लंघन कर रहे थे। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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