सोनमर्ग/बालटाल, 28 सितंबर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर बनाई जा रही जोजिला और जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। ये सुरंगें रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वूपर्ण हैं।
जेड-मोड़ सुरंग स्थल पर गडकरी ने संवाददाताओं से कहा कि उनका मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में 32 किलोमीटर की कुल लंबाई वाले 20 सुरंगों का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा लद्दाख में 20 किलोमीटर की 11 सुरंगों का निर्माण चल रहा है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित क्षेत्रों में इन 31 सुरंगों के निर्माण पर कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं का काम 2024 के आम चुनाव से पहले पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्माण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
गडकरी ने दावा किया कि पिछले दो साल के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सड़क परियोजनाओं में जितना काम किया है उतना पहले 50 साल में हुआ था।
गगनगिर और सोनमर्ग के बीच जेड-मोड़ सुरंग जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर और लद्दाख के कारगिल के बीच हर मौसम परिस्थितियों में संपर्क उपलब्ध कराएगी। वहीं जोजिला सुरंग श्रीनगर-लेह खंड में बालटाल और मिनामार्ग के बीच लेह-लद्दाख के लिए पूरे साल संपर्क उपलब्ध कराएगी।
गडकरी ने कहा, ‘‘मैंने क्रियान्वयन एजेंसी से जोजिला सुरंग का निर्माण दिसंबर, 2023 तक पूरा करने को कहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जनवरी, 2024 से पहले इसका उद्घाटन कर सकें। 2023 की समयसीमा 2024 के लोकसभा चुनावों की वजह से तय की गई है।’’
उन्होंने कहा कि जेड-मोड़ सुरंग का काम पूरा होने के बाद स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन ऐसा क्षेत्र है जिसमें 49 प्रतिशत पूंजीगत खर्च रोजगार सृजन पर होता है।
जोजिला सुरंग के बारे में उन्होंने कहा कि यह न केवल एशिया में द्विदिशा वाली सबसे बड़ी सुरंग होगी, बल्कि 11,575 फुट की ऊंचाई पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग भी होगी।
उन्होंने कहा कि उनके शब्दकोष में असंभव शब्द नहीं है।
मंत्री ने कहा कि दोनों सुरंग परियोजनाओं के पूरा होने के बाद श्रीनगर-लेह तथा मनाली लेह-राजमार्ग की यात्रा काफी सुगम हो जाएगी। ‘‘इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद इन मार्गों पर यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।’’
उन्होंने बताया कि जोजिला पास से यात्रा का समय अभी 3.5 घंटे है। सुरंग के जरिये यह घटकर 15 मिनट रह जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित क्षेत्र बनने के बाद जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण कार्य तेज हुआ है, गडकरी ने कहा कि यह अंदाजा आपको लगाना है। ये सब बातें आपके अध्ययन और चिंतन के लिए हैं।
जेड-मोड़ सुरंग की परियोजना लागत 2,300 करोड़ रुपये है।
जेड-मोड़ सुरंग परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग और संरचना विकास निगम लि. (एनएचआईडीसीएल) के तहत आती है।
गडकरी ने एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे श्रीनगर-लेह और श्रीनगर-जम्मू राजमार्गों पर सौंदर्यीकरण परियोजना को आगे बढ़ाएं।
उन्होंने कहा कि वह सुरंग स्थलों पर देशभर विशेष रूप से महाराष्ट्र की यात्रा कंपनियों का सम्मेलन आयोजित करवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन क्षेत्र को फायदा होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।