के जे एम वर्मा
बीजिंग, 13 दिसंबर महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में चीन का निवेश वर्ष 2019 के बाद से करीब 54 प्रतिशत तक घट चुका है और अब चीन सरकार अफ्रीकी देशों में पैसे लगाने से भी परहेज कर रही है।
चीन के एक शोध संस्थान ग्रीन बीआरआई का मानना है कि वर्ष 2020 में चीन का बीआरआई परियोजनाओं में किया जाने वाला निवेश वर्ष 2013 में इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से सबसे कम रहा है।
हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, बीआरआई के तहत 138 देशों में किया गया निवेश वर्ष 2020 में घटकर 47 अरब डॉलर पर आ गया।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सत्ता की बागडोर संभालने के साथ ही अरबों डॉलर की इस योजना की शुरुआत की थी। बीआरआई के तहत दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी देशों, अफ्रीका और यूरोप को सड़क एवं समुद्री मार्ग से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
वॉशिंगटन स्थित नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में शोध सहायक पॉल नेंतुल्या कहते हैं कि अफ्रीकी देशों में चीन की निवेश प्रतिबद्धताओं में कमी आनी लाजिमी है। नेंतुल्या ने कहा, ‘‘चीन लगातार यह संकेत देता रहा है कि वह निजी क्षेत्र से निजी क्षेत्र को वित्तपोषण का ही मॉडल अपनाना चाहता है।’’
इसके अलावा अफ्रीकी देशों में चीन-समर्थित ढांचागत परियोजनाओं को लेकर वहां के नागरिक समूह, श्रमिक संगठन और पर्यावरण कार्यकर्ता कई तरह की आपत्तियां भी जता रहे हैं। इससे भी चीन पर दबाव बढ़ा है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन ने बीआरआई परियोजनाओं के तहत वर्ष 2020 तक 139.8 अरब डॉलर का निवेश किया है। इसमें चीन और पाकिस्तान की भागीदारी वाला आर्थिक गलियारा सीपीईसी भी है जिस पर चीन अब तक 25 अरब डॉलर निवेश कर चुका है।
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