लाइव न्यूज़ :

केन्द्र मई से पीएमजीकेएवाई के तहत 80 गरीबों को मुफ्त खाद्यानन वितरित करने की तैयारी में

By भाषा | Updated: April 24, 2021 20:52 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल केन्द्र ने शनिवार को कहा एक मई से 80 करोड़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) लाभार्थियों को मुफ्त पांच किग्रा अतिरिक्त खाद्यान्न का मासिक वितरण करने की तैयारी में लगी है। सरकार का मकसद महामारी के दूसरी लहर में गरीबों को आर्थिक दिक्कतों से उबारने में मदद करना है।

राशन की दुकानों या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रधान मंत्री गरीब कल्याण कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत दो महीने के लिए अतिरिक्त अनाज दिया जाएगा।

पीएमजीकेएवाई को कुछ राज्य सरकारों के अनुरोध पर फिर से लागू किया जा रहा है क्योंकि पिछले साल इस योजना का अच्छा असर देखने को मिला था। पिछले साल कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अचानक लॉकडाउन लगाया गया था।

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मीडिया से कहा, ‘‘एफसीआई ने अपने 2,000 से अधिक डिपो की पूरी मशीनरी तैयार कर रखी है ताकि राज्यों को वितरण के लिए स्टॉक तैयार रहे। एफसीआई राज्यों के साथ निरंतर संपर्क में है। हम एफसीआई से राज्य सरकार को और उसके उपरांत उचित मूल्य की दुकानों या राशन की दुकानों पर आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि अगले दो महीनों में 80 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया जाएगा, जिससे राजकोष पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय बोझ आएगा।

पांडे ने कहा कि इस बार पीएमजीकेएवाई के तहत दालों को शामिल नहीं किया गया है। ‘‘पिछले साल यह अपवादस्वरूप रखा गया था और अनाज के साथ दालें मुफ्त में दी गईं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) योजना सिर्फ अनाज के बारे में है।’’

सचिव ने कहा कि अगर पीएमजीकेवाई योजना को जून से आगे बढ़ाने के लिए सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं, हमारे पास स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त स्टॉक है। चूंकि खरीद चल रही है, इसलिए अधिक स्टॉक आ रहा है। हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है।’’

यह पूछे जाने पर कि सरकार केवल दो महीने के लिए ही मुफ्त अनाज के वितरण को सीमित क्यों कर रही है और क्या यह आने वाले महीनों में लॉकडाउन लगाये जाने का संकेत है, इस प्रश्न के बारे में सचिव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पूर्ण लॉकडाउन नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में लगाया गया लॉकडाउन, देश को कोविड ​​-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधनों के साथ तैयार करना था।

उन्होंने कहा, ‘‘केवल (दो महीने के लिए मुफ्त अनाज) क्यों? यह सरकार का निर्णय है। सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा करती है। सरकार ने सोचा कि यह विवेकपूर्ण होगा कि इस बार दो महीने की घोषणा की जानी चाहिए ... मुझे यकीन है कि सरकार निरंतर स्थिति पर नजर रखेगी।’’

सरकार ने अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान पीएमजीकेएवाई के तहत तीन करोड़ टन अनाज के वितरण पर 1.05 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतओलंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को 3, 2 और 1 करोड़ रुपये, सांसद खेल महोत्सव-‘फिट युवा, विकसित भारत’ का भव्य समापन

भारतBMC elections: वार्ड नंबर 114 को लेकर गतिरोध, सांसद संजय दीना पाटिल की बेटी राजूल पाटिल चुनाव लड़ने की इच्छुक, भांडुप में सीटों को लेकर संशय

क्राइम अलर्टतुमसे शादी नहीं करनी, प्रेमिका गुड्डन ने प्रेमी सतनाम को किया मना, गली में रास्ता रोक तमंचे से सिर में मारी गोली और फिर नीम के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या की

क्रिकेटदीप्ति शर्मा श्रीलंका की महिला टीम के खिलाफ इतिहास रचने को तैयार, सबसे ज़्यादा T20I विकेट लेने वाली खिलाड़ी बनने से सिर्फ़ 4 विकेट दूर

विश्वBangladesh: दीपू चंद्र दास के बाद बांग्लादेश में एक और हिंदू की हत्या, अमृत मंडल के रूप में हुई पहचान

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारएक अप्रैल 2026 से लागू होगा नया आयकर अधिनियम?, कैसे उठाएं फायदे

कारोबार2026 में ईपीएफओ 3.0 संस्करण लाने की योजना, 5 साल बाद लंबी प्रतीक्षा के बाद 4 श्रम संहिता लागू, जानें फायदे

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: 25 दिसंबर को क्या है पेट्रोल और डीजल के दाम, पढ़ें लेटेस्ट प्राइस लिस्ट

कारोबारStock Market Holiday Today: क्रिसमस डे पर आज बंद रहेंगे शेयर बाजार, BSE, NSE पर नहीं होगी ट्रेडिंग

कारोबारITR Refund: कई टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग से मिला अलर्ट मैसेज, जानिए आपको क्या करना होगा आगे?