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Budget 2024: खेती, कौशल से लेकर बुनियादी ढांचे तक: सीतारमण ने मोदी 3.0 की 7 प्राथमिकताएं गिनाईं

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 23, 2024 13:32 IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के बजट 2024 की सात प्राथमिकताएं गिनाईं।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024-25 में सरकार की 7 प्राथमिकताएं गिनाईं. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश कियाउन्होंने लगातार सातवीं बार ऐसा करके इतिहास रच दिया.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024-25 में सरकार की 7 प्राथमिकताएं गिनाईं. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश किया और लगातार सातवीं बार ऐसा करके इतिहास रच दिया. केंद्रीय बजट 2024-25 में सरकार की सात प्राथमिकताएं इस प्रकार हैं:

प्राथमिकता 1- कृषि में उत्पादकता और लचीलापन

उत्पादकता और जलवायु अनुकूल किस्मों को बढ़ाना 

प्राकृतिक खेती पर जोर: अगले 2 वर्षों में 2 करोड़ किसानों को समर्थन दिया जाएगा (प्रमाणपत्र)

तिलहन में आत्मनिर्भरता

सब्जी उत्पादन: बड़े पैमाने पर क्लस्टर

कृषि अवसंरचना में डीपीआई: तीन वर्षों में किसानों और उनकी भूमि का कवरेज. इस वर्ष केवल 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण. जनसमर्थ आधारित प्रमाण पत्र जारी करना.

झींगा ब्रूड स्टॉक्स. झींगा पालन. 

सहकारी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति.

प्राथमिकता 2- कौशल विकास

प्रथम टाइमर योजना - सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में नए प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को 1 महीने का वेतन सरकार द्वारा 3 किश्तों में प्रदान किया जाएगा. कर्मचारियों को 15,000 रुपये तक का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा. यह 1 लाख रुपये प्रति माह तक सैलरी पाने वालों पर लागू होगा.  2.1 करोड़ युवाओं को होगा फायदा.

विनिर्माण नौकरियां सहायता- विनिर्माण नौकरियों में प्रवेश करने वाले कर्मचारियों को रोजगार के पहले 4 वर्षों में सीधे कर्मचारी और नियोक्ता को निर्दिष्ट पैमाने का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. इससे 30 लाख युवाओं और नियोक्ताओं को फायदा होगा.

नियोक्ताओं को सहायता- 1 लाख प्रति माह के वेतन के भीतर सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार ईपीएफओ शुल्क को कवर करने के लिए 2 साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह प्रदान किया जाएगा. इससे 50 लाख लोगों तक अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा.

5 साल में 20 लाख युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा.

शिक्षा ऋण: घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तक की वित्तीय सहायता. 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट.

प्राथमिकता 3- समावेशी विकास

सामाजिक न्याय की संतृप्ति प्राप्त करने की दिशा में.

पीएम विश्वकर्मा, स्वनिधि, एनआरएलएम. 

पूर्वोदय: बीआर, जेएच, ओडी, एपी को कवर करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के लिए सर्वांगीण विकास की एक योजना. इसमें मानव संसाधन विकास शामिल होगा.

अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर. यह पूर्वी क्षेत्र विशेषकर गया के लिए औद्योगिक विकास को उत्प्रेरित करेगा. विकास भी, विरासत भी.

2600 करोड़ रुपये की लागत से पटना, पूर्णिया, बक्सर, भागलपुर, बोधगया-राजगीर-दरभनागा एक्सप्रेसवे विकसित किए जाएंगे और बक्सर में गंगा पर पुल बनाया जाएगा.

बिहार में नये मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रा का निर्माण किया जायेगा.

बिहार को बहुपक्षीय बैंक सहायता.

एपी पुनर्गठन अधिनियम: राज्य की पूंजी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. आगामी वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी.

PMAY: देश में ग्रामीण और शहरी इलाकों में 3 करोड़ अतिरिक्त घर.

महिला नेतृत्व विकास: बजट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है.

पीएम जन जातीय उन्नत ग्राम अभियान: आदिवासी परिवारों और आकांक्षी जिलों में संतृप्ति कवरेज को अपनाना.

प्राथमिकता 4- बजट विनिर्माण और सेवाएं

एमएसएमई को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाएंगे

एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी.

एमएसएमई के लिए इन-हाउस क्षमता का निर्माण. 

क्रेडिट पात्रता के लिए एमएसएमई के लिए नए क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल में आदर्श परिवर्तन. 

तनावग्रस्त एमएसएमई के लिए एसएमए खाते. 

मुद्रा ऋण: तरूण श्रेणी में सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गई.

व्यापार प्राप्तियों को नकदी में परिवर्तित करना: टर्नओवर 500 रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया.

एमएसएमई क्लस्टर में सिडबी शाखाएं: 3 साल में एमएसएमई क्लस्टर में 3 साल में नई शाखाएं खोली जाएंगी.

ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र: पारंपरिक कारीगरों और एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद लॉन्च करने में सक्षम बनाना.

5 साल में 1 करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप दिलाने की योजना. उन्हें वास्तविक जीवन के व्यवसाय का अनुभव प्राप्त होगा. प्रशिक्षुओं को 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता के साथ 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी. 

औद्योगिक श्रमिकों के लिए किराये के आवास की सुविधा पीपीपी मोड में दी जाएगी. 

शिपिंग: स्वामित्व पट्टे और फ़्लैगिंग सुधार शुरू किए जाएंगे.

महत्वपूर्ण खनिज मिशन: अधिदेश में तकनीकी विकास, कुशल कार्यबल और उपयुक्त वित्तपोषण तंत्र शामिल होंगे.

डीपीआई अनुप्रयोग: डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास. 

आईबीसी सेवाओं के लिए एकीकृत तकनीकी मंच: स्थिरता, पारदर्शिता और बेहतर निरीक्षण. 

एलएलपीएस को स्वैच्छिक रूप से बंद करना. 

IBC ने 1,000 से अधिक कंपनियों का समाधान किया है - जिन्होंने ऋणदाताओं को 3.3 लाख करोड़ रुपये दिए हैं

ऋण वसूली: अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे.

प्राथमिकता 5- शहरी विकास

शहरी आवास: शहरी 2.0. शहरी गरीबों के लिए एक करोड़ घर, दस लाख करोड़ रुपये का आवंटन. 

पारदर्शी किराये के मकान बाजारों के लिए नीतियों और विनियमों को सक्षम करना

शहरी विकास के लिए 100 बड़े शहरों के लिए सेवाएँ

स्ट्रीट मार्केट: स्वनिधि ने स्ट्रीट वेंडरों के जीवन को बदल दिया है. शहरी हाटों के लिए सहायता 

स्टाम्प शुल्क: सभी के लिए दरों को नियंत्रित करने के लिए राज्यों को उच्च स्टाम्प शुल्क वसूलने के लिए प्रोत्साहित करें. महिलाओं के लिए कर्तव्यों में कटौती.

प्राथमिकता 6- ऊर्जा सुरक्षा

ऊर्जा मार्गों के लिए एक नीति दस्तावेज़

पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना: एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए छत पर सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए शुरू की गई. जनता की ओर से उल्लेखनीय प्रतिक्रिया.

पंप भंडारण नीति

परमाणु प्रौद्योगिकी के लिए नई तकनीक. 

उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट. 800 मेगावाट के प्लांट लगेंगे. 

स्वदेशी क्षमता का देव

सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहायता.

प्राथमिकता 7- बुनियादी ढांचा

अगले 5 वर्षों में इन्फ्रा को मजबूत राजकोषीय सहायता

इस वर्ष का पूंजीगत व्यय आवंटन: ग्यारह लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह करोड़ रुपये. सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत. 

INFRA में निजी निवेश: VGF के माध्यम से बढ़ावा देना होगा 

पीएमजीएसवाई 4.0 लॉन्च किया जाएगा: 25,000 नई ग्रामीण बस्तियां. 

सिंचाई एवं बाढ़: 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से बाढ़ नियंत्रण संरचना बनाने की योजना. कोसी संबंधी बाढ़ शमन का उपाय किया जायेगा

असम: बाढ़ प्रबंधन के लिए असम को सहायता. 

हिमाचल प्रदेश: बाढ़ से तबाह हुए राज्य को पुनर्निर्माण के लिए सहायता

उत्तराखंड: राज्यों को सहायता

सिक्किम: राज्य को सहायता

पर्यटन: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह गया में विष्णुपथ मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर का निर्माण किया जायेगा. राजगीर: गर्म झरनों का संरक्षण. नालन्दा का विकास. 

ओडिशा के मंदिरों, प्राकृतिक सुंदरता, प्राकृतिक परिदृश्य और प्राचीन समुद्र तटों के विकास के लिए समर्थन.

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