संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। सुबह 11 बजे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद संसद के दो सदनों को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति कोविंद सुबह 11 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में भाषण के साथ संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ ही दोनों सदनों में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में पेश किया जाएगा। बता दें कि बजट सत्र को दो सेशन में बांटा गया है। पहले सेशन में यह 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा और दूसरे सेशन में यह 2 मार्च से 3 अप्रैल तक चलेगा।
इससे पहले संसद के बजट सत्र से पूर्व बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है और अधिक ध्यान आर्थिक मुद्दों पर होना चाहिए ताकि देश को मौजूदा वैश्विक स्थिति से लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री कार्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी ने कहा, ‘‘ संसद की उपयोगिता को बढ़ाना प्रत्येक संसद सदस्य की जिम्मेदारी है । सरकार संसद के आगामी बजट सत्र में सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा करेगी।’’ इससे पहले एकजुट विपक्ष ने सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कश्मीर की स्थिति, महंगाई, किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी नेताओं के उन सुझावों का स्वागत किया कि सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। मोदी ने कहा कि ज्यादातर संसद सदस्यों ने देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कहा हैं। उन्होंने कहा कि वह इसका स्वागत करते हैं और आपके द्वारा सुझाए गए आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे देखें कि देश मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से कैसे लाभान्वित हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम वैश्विक परिदृश्य को भारत के पक्ष में कैसे मोड़ सकते हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ इस बजट सत्र में और नये साल की शुरुआत में अगर हम देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा दे सकते हैं, तो यह देश के लिए बेहतर होगा।’’
विपक्षी सांसदों सहित अन्य नेताओं द्वारा द्वारा उठाये गये अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं आपके द्वारा उठाये गये अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर आप सभी से सहमत हूं। और मैं कहना चाहूंगा कि ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।’’ उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सत्र और संसद की उपयोगिता बढ़ाने में योगदान दें। पिछले दो सत्रों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो सत्रों में हमने बढ़ी हुई उपयोगिता और इसके पक्ष में लोगों की प्रतिक्रिया को देखा है। जन प्रतिनिधियों के रूप में, सदन की उपयोगिता को बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। हालांकि हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हैं।