बिहार में अजब-गजब, 16 लाख से ज्यादा मुर्दे भी खाना खा राशन?, ई-केवाईसी से खुला राज, 1.5 करोड़ से ज़्यादा उपभोक्ताओं का राशन कार्ड होगा रद्द

By एस पी सिन्हा | Updated: June 27, 2025 17:42 IST2025-06-27T17:41:09+5:302025-06-27T17:42:00+5:30

बिहार में बहारः कुल 1 करोड़ 97 लाख परिवारों को राशन कार्ड का लाभ मिल रहा है, जिनमें से 22 लाख 88 हजार अंत्योदय अन्न योजना के तहत आते हैं और 1 करोड़ 74 लाख परिवार पीएचएच श्रेणी के हैं।

Bihar ajab gajab 16 lakh dead people also eating ration secret revealed by e-KYC ration cards of more than 1.5 crore consumers cancelled | बिहार में अजब-गजब, 16 लाख से ज्यादा मुर्दे भी खाना खा राशन?, ई-केवाईसी से खुला राज, 1.5 करोड़ से ज़्यादा उपभोक्ताओं का राशन कार्ड होगा रद्द

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Highlightsराशन कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।31 मार्च तक एक करोड़ से अधिक कार्ड धारकों ने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है।सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि किसी भी उपभोक्ता का केवाईसी एक बार होता है।

पटनाः बिहार में करीब 16 लाख से ज्यादा मुर्दे भी खाना खा रहे थे। इसका खुलासा केन्द्र सरकार के द्वारा ई-केवाईसी कराने के निर्देश के बाद हुआ है। मृत व्यक्तियों के नाम पर हर महीने 5 किलो सरकारी अनाज उठाया जा रहा था। इसका पर्दाफाश होने के बाद खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग ने 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार बिहार के 1.5 करोड़ से ज़्यादा उपभोक्ताओं के राशन कार्ड रद्द हो सकते हैं। दरअसल, 31 मार्च तक एक करोड़ से अधिक कार्ड धारकों ने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है।

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि जो 31 मार्च तक ऐसा नहीं किया है, वो लोग अब राशन कार्ड सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। यह कदम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की आवश्यकताओं का हिस्सा है। वहीं, समय सीमा बढ़ाने को लेकर विभाग ने साफ तौर पर कहा कि समयसीमा कई बार बढ़ाई जा चुकी है।

फिर भी कई लोगों ने अपना आधार लिंक नहीं किया है या ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है। अब आगे कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा। शुरुआत में राशन की दुकानों पर पीओएस मशीनों के जरिए केवाईसी की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन कुछ समस्याओं के चलते फ़ेशियल ई-केवाईसी की सुविधा भी शुरू करनी पड़ी।

इन प्रयासों के बावजूद, 1.5 करोड़ से ज़्यादा कार्डधारकों ने अपना ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र व्यक्तियों को उनके राशन कार्ड से पूरा लाभ मिले। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि किसी भी उपभोक्ता का केवाईसी एक बार होता है।

लेकिन सूबे के विभिन्न जिलों के कुछ जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं ने एक बार नहीं, बल्कि एक ही व्यक्ति का 50 से भी अधिक बार केवाईसी करने का प्रयास किया है। अब विभाग को यह जानना है कि आखिर इतनी बार किसी डीलर को केवाईसी करने की नौबत क्यों आई। इसके कारणों को जानने के लिए विभाग ने जांच का आदेश दिया है।

विभागीय सूत्रों ने बताया कि 50 से भी अधिक बार ई केवाईसी करने का यह मामला सूबे के 19 से 20 जिलों से जुड़ा हुआ है, जिसमें सीतामढ़ी भी शामिल है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह ने बताया कि बिहार में कुल 8 करोड़ 35 लाख राशन कार्डधारियों में से 8 करोड़ 4 लाख यानी 95 फीसदी का आधार से सीडिंग हो चुका है।

अब तक 7 करोड़ 10 लाख लोगों का ई-केवाईसी पूरा हो चुका है, जबकि 1.5 3 करोड़ लोगों की प्रक्रिया अभी जारी है। उन्होंने बताया कि ई-केवाईसी के माध्यम से एक और खुलासा हुआ है कि 2 लाख 77 हजार लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर रहकर भी दोनों जगहों से अनाज उठा रहे थे। इनमें सबसे ज्यादा लोग दिल्ली के हैं, जहां 1 लाख 95 हजार लोग इस हेराफेरी में शामिल पाए गए।

इसके अलावा, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए गए जो दोनों राज्यों से राशन ले रहे थे। वहीं, अन्य राज्यों से बिहार में बसे केवल 6 हजार परिवार ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनाज ले रहे हैं। लेसी सिंह ने बताया कि सरकार ने 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के तहत यह स्पष्ट कर दिया है कि एक परिवार केवल एक ही राज्य से अनाज उठा सकता है।

लेकिन इन लोगों ने इस योजना का दुरुपयोग किया और दो जगहों से अनाज उठाना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस खुलासे के बाद सरकार ने तेजी से कार्रवाई की और अवैध रूप से इस्तेमाल हो रहे राशन कार्ड को रद्द कर दिया। लेसी सिंह ने यह भी बताया कि राज्य में 90 फीसदी राशन कार्डधारियों के परिवारों की मुखिया महिलाएं हैं।

राज्य में कुल 1 करोड़ 97 लाख परिवारों को राशन कार्ड का लाभ मिल रहा है, जिनमें से 22 लाख 88 हजार अंत्योदय अन्न योजना के तहत आते हैं और 1 करोड़ 74 लाख परिवार पीएचएच श्रेणी के हैं। उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राशन कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Web Title: Bihar ajab gajab 16 lakh dead people also eating ration secret revealed by e-KYC ration cards of more than 1.5 crore consumers cancelled

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