पिछले वित्तीय वर्ष में धोखाधड़ी के कारण बैंकों लगभग 17 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। ये जानकारी राज्य वित्त मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा को लिखित जवाब में दिया है। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने सूचित किया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा चयनित धोखाधड़ी की निगरानी रिपोर्टों के अनुसार साल 2016-17 में 16,789 करोड़ राशि का नुकसान हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साइबर सुरक्षा पर एक 'इंटर डिस्पिलनरी स्टैडिंग' कमिटी का गठन किया था, जिसमें शिक्षा, सूचना सुरक्षा ऑडिट, फॉरेंसिक और साइबर सुरक्षा से संबंधित विशेषज्ञ शामिल थे। कमिटी ने मौजूदा और तकनीक से जुड़े उभरते हुए खतरों की समीक्षा की और इससे जुड़े उचित नीतियां बनाने की सलाह दी। साल 2016-17 में देश के विभिन्न हिस्सों में बैंकों में डकैती, चोरी और सेंधमारी जैसी घटनाएं हुई हैं।
ये बात उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में दिए। इससे बैंकों को हुए नुकसान की राशि 65.3 करोड़ रुपए है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में इस तरह के 393 मामलों हुए और इसमें बैंकों के 18.48 करोड़ रुपयों शमिल थे। राज्य वित्त मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों अपनी ब्रांच और एटीएम की सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी थी।