पुराने और महत्वहीन हो चुके कानूनों को खत्म करने के लिए लोकसभा में विधेयक पारित
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 19, 2017 08:48 PM2017-12-19T20:48:28+5:302017-12-19T20:48:41+5:30
केंद्र सरकार पहले ही 1,183 कानूनों को निष्प्रभावी कर चुकी है और करीब 250 को निरस्त किया जा रहा है।
लोकसभा में मंगलवार को महत्वहीन हो चुके कानूनों को समाप्त करने के लिए दो विधेयक पारित किए गए। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संक्षिप्त चर्चा के जवाब में कहा कि देश को सुधार केंद्रित बनाने के लिए ये विधेयक एक बड़ी पहल हैं। उन्होंने कहा, "यह गैर जरूरी अप्रासंगिक कानूनों के लिए एक स्वच्छता अभियान है।"
प्रसाद ने यह भी कहा कि विधेयक कुछ ब्रिटिश काल के कानूनों को हटाएंगे, जो एक औपनिवेशिक मानसिकता को दिखाते हैं और इनकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पहले ही 1,183 कानूनों को निष्प्रभावी कर चुकी है और करीब 250 को निरस्त किया जा रहा है।
निरस्त व संशोधन (द्वितीय) विधेयक, 2017 131 कानूनों को निरस्त करता है। इसमें 38 संशोधन विधेयक शामिल हैं, जिनमें बदलाव किए गए हैं, जिन्हें मुख्य अधिनियम में शामिल किया गया है।
निरस्त किए गए कई अधिनियमों को 1947 से पहले पारित किया गया था। विधेयक कुछ प्रावधानों को हटाकर तीन अधिनियमों में संशोधन करता है। निरस्त व संशोधन विधेयक 2017, 104 अधिनियमों को निरस्त करता है व चार दूसरे कानूनों में संशोधन करता है।