मुंबई, पांच फरवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि आरबीआई ने अपनी निगरानी को बढ़ा दिया है और वह सभी बैंकों में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की सही स्थिति का आकलन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अपनी नियमित निगरानी के तहत आरबीआई बैंकों में फंसे हुए कर्ज के बारे में स्पष्ट जानकारी पाने के लिए एक स्वतंत्र मूल्यांकन करता है।
यह पूछे जाने पर कि आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के सुझाव के अनुसार क्या आरबीआई एक परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) करेगा या नहीं, गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक की निगरानी के तहत ऐसा पहले की किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी निगरानी प्रक्रिया के तहत हम गहन जांच कर रहे हैं। हम प्रत्येक बैंक में एनपीए की सही स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं और हम समग्र स्थिति से परिचित हैं।’’
दास ने मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम ठीक वही कर रहे हैं जो एक एक्यूआर को करने की जरूरत है और यह पहले से ही हमारी देखरेख में हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के संदर्भ में आरबीआई ने दो साल पहले कहा था कि उसकी देखरेख में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की वास्तविक स्थिति के बारे में पता लगाया जा रहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।