हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान संख्या (एचयूआईडी) प्रणाली को लागू करने के खिलाफ गुजरात में 15,000 से भी अधिक आभूषण विक्रेतओं (ज्वेलर्स) ने सोमवार को अपना कारोबार बंद रखा और देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। आभूषण उद्योग के अंशधारकों ने यह दावा किया है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) द्वारा एचयूआईडी के खिलाफ 'सांकेतिक हड़ताल' का आह्वान किया गया था तथा गुजरात सहित देशभर के विभिन्न संघों द्वारा इसे समर्थन दिया गया। ज्वेलर्स एसोसिएशन ऑफ अहमदाबाद के अध्यक्ष जिगर सोनी ने दावा किया कि अहमदाबाद में करीब 6,000 आभूषण की दुकानें और शोरूम मालिक एक सरल हॉलमार्किंग प्रक्रिया की मांग को लेकर हड़ताल में शामिल हुए। अहमदाबाद के अलावा, राजकोट और कई अन्य शहरों के सभी प्रमुख आभूषण बाजारों में भी दुकानें बंद रहने से सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। आभूषण उद्योग से जुड़़े लोगों ने दावा किया कि राजकोट में लगभग 4,000 इकाइयां तथा सूरत सहित पूरे दक्षिण गुजरात में 3,500 दुकानें और शोरूम बंद रहे। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य हिस्सों के सैकड़ों जौहरियों ने भी अपना समर्थन दिया और अपने बिक्री केन्द्र खोलने से परहेज किया। राजकोट के एक प्रमुख जौहरी अरविंद पटाडिया ने कहा, ‘‘हम हॉलमार्किंग के खिलाफ नहीं हैं। हम नए पेश किए गए एचयूआईडी के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि इसमें हमारा बहुत समय लगेगा और प्रक्रिया भी सरल नहीं है।’’ इस नई प्रणाली के तहत हॉलमार्किंग के समय हर आभूषण को एक विशिष्ट कोड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोड जौहरी के साथ-साथ ग्राहक की पहचान करने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘किसी एक आभूषण पर एचयूआईडी स्टाम्प प्राप्त करने में दो सप्ताह से अधिक का समय लगेगा। इससे हमारा व्यवसाय समाप्त हो जाएगा। कल्पना कीजिए कि हम केवल एचयूआईडी स्टाम्प प्राप्त करने के लिए कितना समय और ऊर्जा खर्च करेंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि यह प्रणाली अंततः ‘इंस्पेक्टर राज’ को वापस लाएगी। पटाड़िया ने कहा, ‘‘बेनामी लेनदेन पर नजर रखने के लिए, एचयूआईडी ग्राहकों के बारे में जानकारी भी रखता है। हम चाहते हैं कि सरकार प्रक्रिया को और अधिक सरल और तेज बनाए। मुझे विश्वास है कि केंद्र एक अनुकूल निर्णय लेगा।’’ सूरत के जौहरी दीपक चोकसी ने दावा किया कि दक्षिण गुजरात के करीब 3,500 जौहरी सोमवार को हड़ताल में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहक आमतौर पर चाहते हैं कि हम आभूषण तैयार होने के बाद भी कुछ मामूली बदलाव करें। यह एक सामान्य प्रथा है। लेकिन, इस नई प्रणाली में कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या इस तरह के संशोधनों की अनुमति विशिष्ट आईडी के साथ आभूषण पर मुहर लगने के बाद दी जायेगी।’’ चोकसी ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र इस तरह की चिंताओं पर विचार करेगा और ज्वेलर्स के पक्ष में फैसला करेगा।
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