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चौथी औद्योगिक क्रांतिः मुकेश अंबानी बोले-तेज गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी और किफायती स्मार्ट डिवाइस के दम पर अगुवाई करने का मौका

By भाषा | Updated: October 8, 2020 18:49 IST

भारत भले ही पिछली तीन औद्योगिक क्रांतियों में पीछे छूट गया हो लेकिन अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के कौशल, तेज गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी और किफायती स्मार्ट डिवाइस के दम पर भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने का मौका है।

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ठळक मुद्देडिजायन किया गया है कि उससे चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने में भारत को मदद मिलेगी। पहली दो औद्योगिक क्रांतियों और उनसे आये बदलावों से भारत वंचित रह गया था।तीसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान जब सूचना प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण होकर उभरा, भारत दौड़ में शामिल हुआ लेकिन पिछड़ गया।

नई दिल्लीः भारत के सबसे अमीर कारोबारी एवं रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत भले ही पिछली तीन औद्योगिक क्रांतियों में पीछे छूट गया हो लेकिन अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के कौशल, तेज गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी और किफायती स्मार्ट डिवाइस के दम पर भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने का मौका है।

अंबानी ने कहा कि उनके समूह की दूरसंचार व डिजिटल इकाई जियो को इस तरह से डिजायन किया गया है कि उससे चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने में भारत को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहली दो औद्योगिक क्रांतियों और उनसे आये बदलावों से भारत वंचित रह गया था।

तीसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान जब सूचना प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण होकर उभरा, भारत दौड़ में शामिल हुआ लेकिन पिछड़ गया। अंबानी ने टीएम फोरम के तहत वर्चुअल माध्यम से आयोजित डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वर्ल्ड सीरीज में कहा, ‘‘जैसे ही हम चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं, भारत के पास न सिर्फ अग्रणी देशों की कतार में आने का मौका है बल्कि वैश्विक अगुवा बनने का भी मौका है।’’

उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति डिजिटल कनेक्टिविटी, क्लाउड व एज-कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) एवं स्मार्ट डिवाइसेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, एआर / वीआर (ऑगमेंटेड रियलिटी / वर्चुअल लॉरिटी) और जीनोमिक्स जैसी डिजिटल प्रौद्योगिकियों से संचालित है।

अंबानी ने कहा, ‘‘इस क्रांति में भाग लेने के लिये आवश्यक तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं ‘अल्ट्रा-हाई-स्पीड कनेक्टिविटी, सस्ते स्मार्ट डिवाइस और परिवर्तनकारी डिजिटल ऐप’। इस यात्रा को सक्षम करने के लिये जियो की कल्पना की गयी थी।’’ उन्होंने कहा कि जियो से पहले भारत 2जी तकनीक में अटका हुआ था। जियो ने भारत की डेटा की कमी को समाप्त करना और डिजिटल क्रांति लाना चाहा। अंबानी ने कहा, ‘‘हमने एक विश्व-स्तरीय, ऑल-आईपी, भविष्य के अनुकूल डिजिटल नेटवर्क बनाया, जो पूरे भारत में उच्च गति और सर्वश्रेष्ठ कवरेज प्रदान करता है।’’

उन्होंने कहा कि जहां भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री को अपना 2जी नेटवर्क बनाने में 25 साल लगे, वहीं जियो ने केवल तीन साल में अपना 4जी नेटवर्क बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘डेटा को व्यापक रूप से अपनाने के लिये हमने इसे दुनिया के सबसे कम डेटा टैरिफ के साथ पेश किया और जियो के उपभोक्ताओं के लिये वॉयस सेवाओं को पूरी तरह से मुफ्त कर दिया।’’

उन्होंने कहा कि जियोफोन ने स्मार्टफोन को किफायती बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘इसने एक साल से भी कम समय में 10 करोड़ से अधिक भारतीयों के लिये असीम संभावनाओं की दुनिया की एक खिड़की प्रदान की है। जियो ने मोबाइल ऐप और डेटा को बेहद सस्ता कर दिया है।

नतीजा यह हुआ कि जियो ने प्रति सेकंड 7 ग्राहक जोड़े और भारत की मासिक डेटा खपत 0.2 अरब जीबी से 600 प्रतिशत बढ़कर 1.2 अरब जीबी हो गयी।’’ अंबानी ने कहा, ‘‘भारत आज हर महीने छह एक्साबाइट से अधिक डेटा की खपत करता है, जो आज से चार साल पहले के यानी जियो से पहले के स्तर से 30 गुना से अधिक है। हम महज चार साल में डेटा की खपत करने के मामले में 155वें स्थान से पहले स्थान पर पहुंच गये।’’

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