सरसों, सोयाबीन दाना से 25 रुपये प्रति किलो नीचे

By भाषा | Updated: July 30, 2021 18:58 IST2021-07-30T18:58:42+5:302021-07-30T18:58:42+5:30

25 per kg below mustard, soybean grain | सरसों, सोयाबीन दाना से 25 रुपये प्रति किलो नीचे

सरसों, सोयाबीन दाना से 25 रुपये प्रति किलो नीचे

नयी दिल्ली, 30 जुलाई मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के बीच शुक्रवार को सरसों दाना का भाव सोयाबीन से लगभग 25 रुपये किलो नीचे हो गया है। मांग होने से सोयाबीन तेल तिलहन के भाव पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए जबकि अधिकांश अन्य तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि शिकॉगो एक्सचेंज में कल रात काफी तेजी थी मगर मलेशिया एक्सचेंज में शुक्रवार को लगभग 1.25 प्रतिशत की नरमी देखी गई।

उन्होंने कहा कि देश की मंडियों में सरसों की कम आवक होने के साथ साथ त्यौहारी मांग के कारण सरसों की काफी मांग है। किसानों और थोड़ा बहुत तेल मिलों के अलावा और किसी के पास सरसों नहीं है। इस बढ़ती मांग के कारण सरसों दाना (तिलहन) और सरसों दादरी तेल के भाव सुधार प्रदर्शित करते बंद हुए जबकि सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। उन्होंने कहा कि सरसों की अगली फसल आने में लगभग सात महीने हैं और आगामी त्यौहारों के देखते हुए सहकारी संस्था, हाफेड को बाजार भाव पर अभी सरसों की खरीद कर स्टॉक बना लेना चाहिये।

सूत्रों ने बताया कि इंदौर के एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सोयाबीन दाना के भाव में भारी बढ़त होने की वजह से छह प्रतिशत पर ऊपरी सर्किट लगाना पड़ा। यहां एक्सचेंज में सोयाबीन के अगस्त अनुबंध का भाव बृहस्पतिवार को 9,518 रुपये क्विन्टल बोला गया था जो शुक्रवार को बढ़कर 10,089 रुपये क्विन्टल बोला गया।

भारतीय पॉल्ट्री संघ ने देश में सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की कमी को देखते हुए सरकार से अनुरोध किया है कि नवंबर तक इसका निर्यात हतोत्साहित किया जाए और विदेशों से डीओसी के आयात कराया जाए। ज्ञातव्य हो कि इस बार पिछले साल के मुकाबले डीओसी का लगभग 300 प्रतिशत अधिक निर्यात हुआ है जिससे देश में डीओसी की कमी हुई है। डीओसी का भाव पिछले साल के 3200 रुपये क्विंटल से बढ कर इस समय 9200 रुपये (कोटा) से लेकर 9600 रुपये (छत्तीसगढ) तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि बहुत ही कम मौके ऐसे आये हैं जब सरसों दाना का भाव सोयाबीन से नीचे हुआ हो। सरसों फिलहाल सोयाबीन से 25 रुपये किलो नीचे चल रहा है। आम तौर पर इसकी कीमत सोयाबीन से पांच से 10 रुपये किलो अधिक ही रहती है। सोयाबीन की इस समय देश में कमी है और करीब 70 प्रतिशत सोयाबीन-प्रसंस्करण इकाइयां कच्चा माल न होने के कारण कम बंद नहीं कर पा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार को तेल तिलहनों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये क्यों की खाद्य-तेल के मामले में 70 प्रतिशत आयात-निर्भरता है और सालना एक लाख करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा खर्च करते है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,750 - 7,800 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,945 - 6,090 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,235 - 2,365 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,520 -2,570 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,605 - 2,715 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,150 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,050 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,780 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,760 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,600 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,600 रुपये।

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Web Title: 25 per kg below mustard, soybean grain

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