यू-ट्यूब ने लगाया भगवान 'राम के नाम' की डॉक्यूमेंट्री पर रिस्ट्रीक्शन, 18 साल से कम उम्र के लोग नहीं देख सकेंगे फिल्म
By मेघना वर्मा | Published: February 11, 2019 07:01 PM2019-02-11T19:01:37+5:302019-02-11T19:01:37+5:30
अपने पोस्ट में पटवर्धन ने अपने फॉलोअर्स और लोगों से गूगल और यू-ट्यूब पर प्री-पोस्ट करने की अपील की है। उन्होंने बताया है कि 2011 में आई उनकी डॉक्यूमेंट्री जय भीम के साथ भी ऐसा ही हुआ था।
आनंद परवर्धन की 1992 में बनी डॉक्यूमेंट्री राम के नाम पर यू-ट्यूब ने 18 साल तक बैन लगा दिया है। इस बात की जानकारी 11 फरवरी को फिल्ममेकर ने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दी है। U सर्टिफिकेट के साथ रिलीज हुई इस डॉक्यूमेंट्री को सेंट्रल बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन को पटवर्धन के यू-ट्यूब चैनल anandverite पर देखा जा सकता है। मगर अब इस डॉक्यूमेंन्ट्री फिल्म को देखने के लिए आपको 18 साल से ऊपर का होना जरूरी है।
पटवर्धन ने अपने पोस्ट में लिखा कि यू-ट्यूब ने ऐसा फिर से कर दिया है हिंदूत्व को दिखाने वाले सारे सेक्यूलर कंटेट को यू-ट्यूब किल करना चाहता है। पटवर्धन ने लिखा, ''यू-ट्यूब ने मेरी फिल्म राम के नाम पर ऐज रिस्ट्रीक्शन लगा दिया है जिसे सीबीएफसी से U सर्टिफिटकेट मिला था, साथ ही ये फिल्म नेशनल अवॉर्ड विनिंग भी रह चुकी है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद इसे दूरदर्शन पर भी 1996 में प्रकाशित किया जा चुका है।"
28 साल पुरानी इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को बेस्ट इंवेस्टीगेटिव डॉक्यूमेंन्ट्री कहते हैं। जिसे फिल्म फेयर ने भी बेस्ट करार दिया है। विश्व हिंदू परिषद के अयोध्या में बाबरी मस्जिद के साइट में राम मंदिर बनाने को लेकर की इंवेस्टीगेटिव डॉक्यूमेंट्री को इसमें दिखाया गया है। भारतीय जनता पार्टी के लीडर लाल कृष्ण अडवानी की 6 दिसम्बर 1992 की रथ यात्रा को भी दिखाया गया है। जिसके बाद हुए हादसे में दो हजार से भी ज्यादा लोगों की जानें गई थीं।
अपने पोस्ट में पटवर्धन ने अपने फॉलोअर्स और लोगों से गूगल और यू-ट्यूब पर प्री-पोस्ट करने की अपील की है। उन्होंने बताया है कि 2011 में आई उनकी डॉक्यूमेंट्री जय भीम कमर्दे के साथ भी ऐसा ही हुआ था। ये फिल्म मुंबई में रहने वाले दलितों की कहानी को बयां करती है।
पटवर्धन ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर यू-ट्यूब में अपील भी दर्ज करवा दी है। लेकिन यू-ट्यूब ने यही कहा है कि वो 18 साल तक ऑडियंस के लिए अभी इस डॉक्यूमेंट्री को ओपेन नहीं करेंगे। अपने पोस्ट में पटवर्धन ने लिखा कि अगर आप 14 से 18 साल के हैं तो आप लेबरगिरी कर सकते हैं मगर राम के नाम नहीं देख सकते।