'आदिपुरुष' को लेकर किस राजनेता ने क्या कहा? यहां पढ़िए सबके बयान
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 19, 2023 07:10 PM2023-06-19T19:10:14+5:302023-06-19T19:12:17+5:30
फिल्म में दिखाया गया है कि जब हनुमान लंका में जाते हैं तब मेघनाद उनसे कहता है, "तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया"। वहीं लंका दहन के दौरान हनुमान का संवाद है कि "कपड़ा तेरे बाप का... तेल तेरे बाप का... आग तेरे बाप की, तो जलेगी भी तेरे बाप की।"
नई दिल्ली: आदिपुरुष के रीलिज होने के बाद से ही यह फिल्म चर्चा में है। फिल्म के संवाद मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं और सोशल मीडिया पर उनके द्वारा लिखे संवादों के लिए फिल्म और लेखक की जमकर आलोचना हो रही है।
फिल्म में दिखाया गया है कि जब हनुमान लंका में जाते हैं तब मेघनाद उनसे कहता है, "तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया"। वहीं लंका दहन के दौरान हनुमान का संवाद है कि "कपड़ा तेरे बाप का... तेल तेरे बाप का... आग तेरे बाप की, तो जलेगी भी तेरे बाप की।"
इन संवादों के लिए सोशल मीडिया पर सुनाई जा रही खरी खोटी के बीच विभिन्न दलों के नेताओं ने भी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किस राजनेता ने 'आदिपुरुष' फिल्म को लेकर क्या बयान दिया।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मुंबई में कहा, "कांग्रेस के समय में रामायण और महाभारत सीरियल को फिल्माया गया था। कांग्रेस ने उस समय में रामायण और महाभारत की वास्तविकता रखी थी। भाजपा खुद बोलती है कि वो हिंदु की सरकार है तो हनुमान जी को इस तरह से टपोरी जैसे वक्तव्य करवाने का पाप भाजपा ने किया है...ये भाजपा का दोष है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए और इस फिल्म(आदिपुरुष) को बैन करना चाहिए।"
#WATCH कांग्रेस के समय में रामायण और महाभारत सीरियल को फिल्माया गया था। कांग्रेस ने उस समय में रामायण और महाभारत की वास्तविकता रखी थी। भाजपा खुद बोलती है कि वो हिंदु की सरकार है तो हनुमान जी को इस तरह से टपोरी जैसे वक्तव्य करवाने का पाप भाजपा ने किया है...ये भाजपा का दोष है,… pic.twitter.com/90xFHfPfTF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 19, 2023
इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कहा, "मैंने आदिपुरुष के बारे में पढ़ा और सुना। अत्यधिक पीड़ा हो रही है कि आखिर कैसे सेंसर बोर्ड ने एक ऐसी फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जो हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रही है, हमारे आराध्य का मजाक उड़ा रही है। केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा। हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे। जिम्मेदार लोग माफी मांगें।"
मैंने 'आदिपुरुष' के बारे पढ़ा और सुना। अत्यधिक पीड़ा हो रही है कि आख़िर कैसे सेंसर बोर्ड ने एक ऐसी फ़िल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जो हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रही है, हमारे आराध्य का मजाक उड़ा रही है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 17, 2023
केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा.
हमारे भाँचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे.… pic.twitter.com/QA7yk9r7JY
आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा, "प्रभु श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल जी ने भी इस फिल्म की निंदा की। उस सीरियल में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी जी ने भी इस फिल्म की निंदा की। इसकी अमर्यादित भाषा को शर्मनाक बताया। ये फिल्म रिलीज कैसे हो गई? सवाल तो इस बात का है। भाजपाइयों का सेंसर बोर्ड सो रहा था क्या?"
जब भगवान श्री राम का अपमान करने वाली फ़िल्म पास हो रही थी, तो क्या भाजपाईयों का सेंसर बोर्ड भांग खाकर सो रहा था? pic.twitter.com/JchI3mvCal
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 19, 2023
कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट करते हुए कहा, "हमारे आराध्य भगवान श्रीराम मर्यादापुरुषोत्तम हैं और प्रभु श्री हनुमान सौम्यता और गंभीरता के प्रतीक हैं। 1987 में जब श्री रामानंद सागर ने रामायण धारावाहिक बनाया, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने कहा था कि रामायण ने लाखों दर्शकों के मन मस्तिष्क को प्रज्ज्वलित किया। उस रामायण के लेखक रामानन्द सागर जी थे, जिन्होंने करोड़ों लोगों की आस्था को टपोरी भाषा से आहत नहीं किया अपितु सियाराम की एक मधुर, सौम्य और मनमोहक छवि समाज के मन-मस्तिष्क पर अंकित कर दी।"
हमारे आराध्य भगवान श्रीराम मर्यादापुरुषोत्तम है और प्रभु श्री हनुमान सौम्यता और गम्भीरता का प्रतीक हैं।
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) June 17, 2023
1987 में जब श्री रामानन्द सागर ने रामायण धारावाहिक बनाया, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० राजीव गांधी जी ने कहा था कि “ ‘रामायण’ ने लाखों दर्शकों के मन-मस्तिष्क को प्रज्वलित कर… pic.twitter.com/B0hbUtPMsx