ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान में आमिर-अमिताभ के अलावा कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी भारत में अंग्रेजी राज के दौरान की है। पढ़िए, पूरी समीक्षा-
ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान Review: निराश करती है फिल्म, एक-दो सीन के अलावा झेलना है मुश्किल
भारतीय सिनेमा इतिहास में पहली बार बड़े पर एक साथ आए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म ठग्स ऑफ हिन्दोस्तानप समीक्षकों को मायूस कर गई। आठ नवंबर को ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। इस फिल्म को लेकर हिन्दी सिनेमा के चाहने वालों में जमकर जिज्ञासा है। लेकिन फिल्म की शुरुआती समीक्षाएं लोगों के आशानुरूप नहीं हैं।
फिल्म समीक्षक और फिल्म ट्रेड पंडिंग तरण आदर्श ने फिल्म को मायूस करने वाला बताया है। वे आमतौर पर फिल्मों को एक शब्द का रिव्यू देते हैं। इस क्रम में उन्होंने ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान को DISAPPOINTING (निराशाजनक, मायूस करने वाला) कहा है। उन्होंने फिल्म को महज दो स्टार दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि तरण आदर्श फिल्म जगत के इस वक्त के जाने-माने आलोचक हैं। उन्होंने ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान देखने के बाद अपने ट्वीट में लिखा- हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती, यह मुहावरा ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान पर एक सटीक बैठता है। तरण आदर्श के अनुसार ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान के पहले घंटे में बस कुछेक लम्हें मनोरंजन करते हैं। बाकी पूरी फिल्म नाउम्मीद करने वाली है।
कमजोर निर्देशन ने कूड़ा की ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान
तरण आदर्श ने कहा है कि ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान एक फॉर्मूला फिल्म है। इसमें सबकुछ अपनी सुविधानुसार किया गया है। फिल्म का स्क्रीनप्ले अपनी सुविधानुसार तैयार किया गया है। सबसे ज्यादा फिल्म का नुकसान फिल्म के कमजोर निर्देशन ने किया है।
उल्लेखनीय है यशराज बैनर तेल बनी ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान का निर्देशन कृष्णा आचार्य विक्टर ने किया है। इससे पहले वह धूम 3 का निर्देशन कर चुके हैं।
ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान में आमिर-अमिताभ के अलावा कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी भारत में अंग्रेजी राज के दौरान की है।
ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान के मेकर्स ने एक सुनहरा मौका गंवा दिया
फिल्म को देखकर तरण आदर्श को इतनी निराशा हुई कि उन्होंने फिल्म पर एक अलग से ट्वीट कर के अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने लिखा, हो सकता है ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान को छुट्टियों का, जबर्दस्त प्रचार का, फिल्म में काम कर रहे बड़े नामों का फायदा मिल जाए। लेकिन फिल्म को बर्दाश्त कर पाना मुश्किल है। फिल्म शुरुआत से ही पकड़ कमजोर देती है और उत्साह खत्म कर देती है।
तरण आदर्श के अनुसार ठग्स आफ हिन्दोस्तान चारों ओर से एक सुनहरा मौका था, एक बेहतर फिल्म बनाने के लिए, लेकिन यह मौका गंवा दिया गया है। फिल्म भारी निराशा देती है।
ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान से उबरने के लिए दवाई की जरूरत है
फिल्म पत्रकार व समीक्षक राजीव मसंद ने भी फिल्म को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने लिखा ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान से मिली प्रताड़ना से उबरने के लिए उन्हें कुछ दवाइयों की जरूरत होगी।